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आचार्य महाश्रमण से लिया आशीर्वाद

दल ने साध्वी मधुस्मिता की कुशलक्षेम और विजयनगर संघ की गतिविधियां बताई

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mahashraman

आचार्य महाश्रमण से लिया आशीर्वाद

साध्वी प्रियरंजनाश्री ने कहा कि यदि जीवन में पाप से लडऩा है तो पुण्य का उपार्जन करना पड़ेगा

बेंगलूरु. जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा विजयनगर के पदाधिकारियों ने गुरुवार को चेन्नई पहुंचकर आचार्य महाश्रमण के दर्शन किए और आशीर्वाद लिया। दल ने साध्वी मधुस्मिता की कुशलक्षेम और विजयनगर संघ की गतिविधियां बताई। दल में अध्यक्ष बंशीलाल पितलीया, मंत्री कमल तातेड़, उपाध्यक्ष पन्नालाल लुणिया, संगठन मंत्री विरेंद्र कोठारी, सहमंत्री जयंती लाल बोहरा, कोषाधयक्ष शंकरलाल हिरण, भवन निर्माण के संयोजक पुखराज श्रीश्रीमाल एवं गुरु दर्शनार्थ संघ के संयोजक अशोक पितलिया शामिल थे।


पुण्य उपार्जन कर लड़ सकते हैं पाप से
बेंगलूरु. जिन कुशल सूरि जैन आराधना भवन बसवनगुड़ी में साध्वी प्रियरंजनाश्री ने कहा कि यदि जीवन में पाप से लडऩा है तो पुण्य का उपार्जन करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बीमारी तो जीवन में आती ही है उसे दूर करने के लिए दवा का सेवन करना ही पड़ेगा। पाप से लडऩे के लिए पुण्य का होना जरूरी है परंतु पुण्य के रागी मत बन जाना पुण्य से प्राप्त भोग में आसक्त मत बनना, नहीं तो पुण्य भी नाशक बन जाएगा। पुण्य भी पतन की ओर ले जाएगा। साध्वी पूजा ज्योति ने गीतिका प्रस्तुत की। प्रवचन में गुण्डलपेट सीरवी समाज के सदस्य भी उपस्थित थे।


शांत स्वाभाव होने पर मिलेगी शांति
बेंगलूरु. वीवीपुरम में जय परिसर महावीर धर्मशाला में जयधुरंधर मुनि ने कहा कि आज हर इंसान शांति चाहता है परंतु शांति उसे ही प्राप्त हो सकती है जिसका स्वभाव शांत हो। बाह्य शांति के लिए भीतर में शांति होनी जरुरी है। शांति की प्राप्ति के लिए व्यक्ति को अपने स्वभाव में रमण करना होगा। मुनि ने श्रावकों के 21 गुणों के अंतर्गत तीसरे गुण का वर्णन भी किया। सभा में सज्जनबाई गोटावत ने अठाई तप के प्रत्याख्यान ग्रहण किए। अध्यक्ष मीठालाल मकाणा ने बताया कि दोपहर में महिला तत्त्वज्ञान शिविर में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया।