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मुख्यमंत्री पद स्थायी नहीं राज्य में कई सक्षम प्रत्याशी : सीएम

सूखे से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए केंद्रीय दल अध्ययन के लिए यहां पहुंचा।

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मुख्यमंत्री पद स्थायी नहीं राज्य में कई सक्षम प्रत्याशी : सीएम

दावणगेरे. मुख्यमंत्री पर स्थायी नहीं होता है। आजादी के बाद राज्य में कई सरकारों का गठन हुआ है। कई नेताओं ने मुख्यमंत्री का दायित्व निभाया है और राज्य में डॉ जी.परमेश्वर समेत कई सक्षम नेता मौजूद हैं। मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने यह बात कही।

उन्होंने यहां शनिवार को कहा कि राज्य में सूखे के कारण 16 हजार करोड़ रुपए मूल्य की फसले तहस-नहस हो गई है। सूखे से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए केंद्रीय दल अध्ययन के लिए यहां पहुंचा।

इससे पहले राज्य सरकार ने चार-पांच जिलों में हुए नुकसान को लेकर केंद्र सरकार से सहायता मांगी लेकिन कोई सहायता नहीं मिली।

राज्य सरकार ने सूखाग्रस्त 100 तहसीलों में पेयजल तथा चारे की आपूर्ति के लिए जिला प्रशासन को पर्याप्त धन दिया है। सभी जिलाधिकारियों के साथ सरकार लगातार संपर्क बनाकर सूखाग्रस्त क्षेत्रों के निवासियों की मदद के लिए हरसंभव प्रयास कर रही।

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बैंकों के असहयोग से मुख्यमंत्री खफा
दावणगेरे. मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने किसानों की ऋण माफी योजना को लेकर कुछ बैंक अधिकारियों के असहयोग पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि अगर बैंक इस मामले में राज्य सरकार से सहयोग नहीं करेंगे तो ऐसे बैंकों को कड़ी कार्रवाई का सामना करना होगा।

उन्होंने कहा कि कुछ जिलों के किसान अतिवृष्टि से तो कुछ जिलों के किसान अनावृष्टि से जूझ रहे हैं। बैंकों को राज्य सरकार पर विश्वास रखते हुए किसानों की सहायता करनी चाहिए।

राज्य सरकार ने कई बार बैंक अधिकारियों के साथ हुई बैठकों में किसानों के बकाया ऋण का किश्तों भुगतान करने का वादा किया है।

लेकिन इसके बावजूद बैंकों का प्रबंधन बकाया ऋण के भुगतान को लेकर राज्य के किसानों को नोटिस जारी कर रहा है। अगर बैंको को राज्य सरकार की गारंटी पर भरौसा नहीं है तो राज्य सरकार को भी ऐसे बैंकों की आवश्यकता नहीं है।