
कोयले का भंडार खत्म : बंदी के कगार पर आरटीपीएस
बेंगलूरु. कोयले की कमी के कारण 1720 मेगावाट उत्पादन क्षमता वाला रायचूर ताप ऊर्जा संयंत्र (आरटीपीएस) बंदी के कागार पर पहुंच गया है। स्थिति की गंभीरता को रेखांकित करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने बुधवार को केंद्रीय कोयला मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा कोयले की आपूर्ति सुनिश्चत करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आरटीपीएस में कोयले का स्टॉक शून्य हो गया है। कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनी वेस्टर्न कोल फील्ड्स (डब्ल्यूसीएफ) ने राज्य को इस वर्ष 6 लाख मीट्रिक टन कम कोयले की आपूर्ति की है।
ईंधन आपूर्ति करार (एफएसए) के तहत वेस्टर्न कोल फील्ड को कोयले की जितनी आपूर्ति करनी थी उससे उसने 6 लाख मीट्रिक टन कम कोयला राज्य को दिया। परिणामस्वरूप आरटीपीएस में भंडार अब शून्य हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कोयला मंत्री से कहा कि कोयले के भंडार में जो कमी आई है उसकी भरपाई महानदी कोल फील्ड लिमिटेड (एमसीएल) के जरिए कराई जाए ताकि ऊर्जा संयंत्र का पारिचालन बाधित नहीं हो।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (ऊर्जा) रवि कुमार ने कहा कि आरटीपीएस की सभी 8 इकाइयों के लिए रोजाना 23 हजार मीट्रिक टन कोयले की आवश्यकता है जबकि आरटीपीएस के पास सिर्फ 2924 मीट्रिक टन कोयला रह गया है।
यह बेहद नाजुक स्थिति है। कोयले की कमी के कारण ऊर्जा संयंत्र को बंद करना पड़ सकता है। एक दिन पहले ही मुख्य सचिव ने भी केंद्र को पत्र लिखकर एमसीएल के जरिए कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा था।
वेस्टर्न कोलफील्ड्स आरटीपीएस की जरूरतों का 50 फीसदी भी कोयला आपूर्ति नहीं कर रहा है। हालांकि, राज्य को सिंगरेनी कोलियरी लिमिटेड और एमसीएल से कोयले की आपूर्ति हो रही है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है।
आरटीपीएस को पूरी क्षमता पर चलाने के लिए जितने कोयले की आवश्यकता है उतना कोयला नहीं मिल रहा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि फिलहाल लोड-शेडिंग की आवश्यकता नहीं है। अभी बिजली कटौती नहीं की जाएगी।
राज्य के पास जो भी कोयला उपलब्ध है या पनबिजली परियोजनाओं से उत्पादित बिजली से स्थिति को संभाला जाएगा। फिर भी अगर यहीं स्थिति बनी रही तो राज्य में ऊर्जा आपूर्ति बाधित होगी।
आरटीपीएस राज्य के तीन ताप ऊर्जा संयंत्रों में से एक है। दो अन्य बल्लारी ताप ऊर्जा संयंत्र (बीटीपीएस) और यरमरस ताप ऊर्जा संयंत्र (वाइटीपीएस) हैं। इन ताप ऊर्जा संयंत्रों को मुख्यत: तीन कंपनियों से कोयले की आपूर्ति होती है। सिंगरेनी कोलियरी (तेलंगाना), वेस्टर्न कोलफील्ड्स (महाराष्ट्र) और महानदी कोलफील्ड्स (ओडिशा)।
Published on:
19 Oct 2018 06:02 pm
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