धर्मसभा में भारी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उपाध्याय प्रवीण ऋषि परिवार के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उसका प्रयोग है सेवा कर्म और साधना। परिवार उन्नति का एक महत्वपूर्ण सोपान है, जिस पर चढक़र व्यक्ति जीवन का परम लक्ष्य पा सकता है। परिवार मनुष्य के जीवन का बुनियादी पहलू है। व्यक्ति का निर्माण और विकास परिवार में ही होता है। उन्होंने कहा कि परिवार मनुष्य को मनोवैज्ञानिक सुरक्षा प्रदान करता है। व्यक्तित्व का विकास करता है। प्रेम, स्नेह, सहानुभूति, आदर सम्मान जैसी भावनाएं सिखाता है।