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मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपए मुआवजा देगी सरकार

कर्नाटक उच्च न्यायालय को सरकार ने दी जानकारी

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मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपए मुआवजा देगी सरकार

मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपए मुआवजा देगी सरकार

बेंगलूरु. राज्य सरकार ने गुरुवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय को सूचित किया कि उसने ऑक्सीजन आपूर्ति में कमी के कारण चामराजनगर के अस्पताल में मारे गए 24 मरीजों के परिवारों को 2 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने का फैसला किया है।
मुख्य न्यायाधीश अभय एस. ओक और जस्टिस अरविंद कुमार की खंडपीठ के समक्ष महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवडगी ने कहा 'राज्य सरकार ने चामराजनगर में मारे गए 24 लोगों के परिवारों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का फैसला किया है।Ó खंडपीठ ने सरकार के आश्वासन को स्वीकार कर लिया और कहा, 'हमें उम्मीद है और विश्वास है कि आश्वासन पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।Ó हालांकि, पीठ ने यह भी कहा कि ऑक्सीजन की कमी के कारण केवल 24 मौतें हुईं या उससे अधिक और सरकार की ओर से दिया जाने वाला मुआवजा पर्याप्त है अथवा नहीं, इस पर ध्यान देना होगा।
इससे पहले 13 मई के फैसले में अदालत ने सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि अगली तारीख को 24 लोगों की मौत मामले में परिवार के सदस्यों को मुआवजा देने के मुद्दे पर विचार करेगी। अदालत ने मामले की जांच करने और घटना के बारे में तथ्यपूर्ण रिपोर्ट रखने के लिए राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (केएसएलएसए) की समिति नियुक्त की थी। उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एएन वेणुगोपाल गौड़ा की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप भी दी है।
15 अस्पतालों में नहीं थी ऑक्सीजन
रिपोर्ट में समिति ने कहा है कि अस्पताल में 2 और 3 मई को हुई सभी 24 मौतें अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि चामराजनगर मेडिकल कॉलेज के डीन के आग्रह पर मैसूरु जिला सर्जन ने 2-3 मई 2021 की मध्यरात्रि में 40 सिलेंडर उपलब्ध कराए। सदर्न गैस एजेंसी ने 30 और सिलेंडर उपलब्ध कराए। ये 70 सिलेंडर 3 मई 2021 को सुबह 6 बजे चामराजनगर पहुंचे। चामराजनगर पहुंचने में कम से कम 4 घंटे की देरी हुई।

इसकी वजह यह थी कि ट्रक चालक जिला सर्जन द्वारा उपलब्ध कराए गए 40 सिलेंडर इक_े करने के बाद सदर्न गैस एजेंसी से 30 सिलेंडर लेने चला गया। इस दौरान जिले के 15 अस्पतालों में रात 10:30 बजे से 2.30 बजे तक बिल्कुल ऑक्सीजन नहीं थी। इससे ऑक्सीजन सपोर्ट पर निर्भर मरीजों ने दम तोड़ दिया। इससे 2 मई की रात 11 बजे से 3 मई शाम तक 37 मरीजों की जान चली गई।