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गुरु मिश्री गुणवान और पुण्यवान थे-साध्वी डॉ. कुमुदलता

गुरु मिश्री और रूप मुनि की जयंती मनाई

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गुरु मिश्री गुणवान और पुण्यवान थे-साध्वी डॉ. कुमुदलता

गुरु मिश्री गुणवान और पुण्यवान थे-साध्वी डॉ. कुमुदलता

बेगलूरु. श्रीरंगपट्टनम के गुरु दिवाकर मिश्री राज दरबार में बुधवार को मरुधर केसरी मिश्रीमल एवं शेरे राजस्थान रूपमुनि की 95वीं जयंती एवं गुरु दिवाकर मिश्री राज दरबार के उद्घाटन का आयोजन हुआ। गुरु राज दरबार का लाभ मंडिया निवासी शांतिलाल सुनीलकुमार कोठारी की स्मृति में कोठारी परिवार ने किया। सुनिल कोठारी की पत्नी ज्योति कोठारी, माता चंचलबाई कोठारी ने धर्म आराधना करने के लिए यह दरबार सजाया। गुरु मिश्री एवं गुरु रूपमुनि जयंती पर प्रसादी का लाभ बुधमल, रतनलाल, शांतिलाल, यशवंत, गौतम, धनराज, इन्द्रचंद बच्छावत मूथा परिवार ने लिया। आज पैसठिया छंद के लाभार्थी बाबूलाल, सज्जनराज, अनिकेत, आकाश सुराना ने लिया। इसका लोकार्पण बेंगलूरु के अशोक, विमल रांका, सोहनलाल बोहरा एवं गुरु भक्त वर्षावास समिति ने एटीएम बॉक्स का लोकार्पण किया। साध्वी डॉ. कुमुदलता ने कहा की राजस्थान के पाली में जन्म लेकर राजस्थान में ही नहीं पूरे भारत को चमकाया। उन्होंने कहा कि गुरु मिश्री कडक़ थे पर अन्दर से बहुत नरम थे। मिश्री कडक़ होती है पर स्वाद भी उतना ही देती है। गुरु रूपमुनि का रूप मानो गुणवान, पुण्यवान था। साध्वी डॉ. महाप्रज्ञा ने गीतिका के माध्यम से अपने भाव रखे। साध्वी पदमकीर्ति ने सुखविपाक सूत्र के साथ में गुरु गुण पुष्प के लिए कहा की दूध में मिश्री और दूध में केसर मिलता है तो उसका स्वाद लाखों गुणा बढ़ता है। उसी प्रकार गुरु मिश्री का आशीर्वाद भक्त के जीवन को सुधारता है। गुरु मिश्री गुरु रूप की चरण रज से तकदीर सुधरती है। साध्वी राजकीर्ति ने गीतिका प्रस्तुत की।