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जीवन में मानवता का आना दुर्लभ

महापुरुषों ने कहा है कि देव, गुरु, धर्म तत्व महान है जो भी इसे समझ ले वही सच्चा बुद्धिमान है

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जीवन में मानवता का आना दुर्लभ

मैसूरु. वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ सिद्धार्थनगर स्थित सीआइटीबी परिसर में श्रुत मुनि व अक्षर मुनि ने उत्तराध्ययन सूत्र का मंगलपाठ करते हुए कहा कि मानव जीवन 84 लाख जीव योनि में भटकते हुए नरक तिर्यंच एवं देवलोक में गुजरते हुए प्राप्त हुआ है।

उन्होंने कहा कि मानव जीवन में मानवता का आना दुर्लभ है तथा देव गुरु धर्म पर श्रद्धा रखना अत्यंत दुर्लभ है। महापुरुषों ने कहा है कि देव, गुरु, धर्म तत्व महान है जो भी इसे समझ ले वही सच्चा बुद्धिमान है। धार्मिक जीवन में प्रमाद जहर के सामान तथा दान देने के लिए सर्वोत्तम समय वर्तमान बताया गया है। इस अवसर पर भगवान महावीर की स्तुति पुच्छीसुण्णं स्त्रोत का सामूहिक अनुष्ठान किया गया। श्रुत मुनि ने अंत में मंगलपाठ सुनाया।

दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी कल से
बेंगलूरु. बेंगलूरु विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की ओर से यूजीसी के सहयोग से 30 अक्टूबर को ज्ञानभारती परिसर स्थित प्रो वैंकटगिरि गौड़ा मेमोरियल सभागार में सुबह 10 बजे दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी शुरू होगी।

उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता विवि के कुलपति डॉ के आर वेणुगोपाल करेंगें जबकि मुख्य अतिथि कोचीन विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रोफेसर डॉ. शशिधरन, विशेष अतिथि बेंगलूरु विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ सी शिवराजू तथ मुख्यवक्ता श्रीवेंकटेश्वर विश्वविद्यालय तिरुपति के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. चंद्रशेखर रेड्डी होंगे।