
इसरो ने लीथियम आयन बैटरी तकनीक देने के लिए जारी किया आरएफक्यू
बेंगलूरु. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) उपग्रहों में इस्तेमाल की जाने वाले लीथियम आयन बैटरी के वाणिज्यिक उपयोग के लिए उद्योगों को यह तकनीक हस्तांतरण करने को तैयार है। इसरो ने मंगलवार को रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन (आरएफक्यू) जारी कर उद्योगों से आवेदन भेजने को कहा। इसरो की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि देश में लीथियम आयन बैटरी के उत्पादन के लिए तकनीकी हस्तातंरण विशिष्ट अधिकार के आधार पर नहीं होगा।
आरएफक्यू में कहा गया है कि तिरुवनंतपुरम स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) लीथियम आयन बैटरी की तकनीक हस्तांतरित करने के लिए योग्य भारतीय उद्योगों से आवेदन आमंत्रित करता है। इसरो की इस पहले से शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी और स्वदेशी इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास को बल मिलेगा। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इलेक्ट्रिक वाहन प्रौद्योगिकी अभी भी विकास के चरण में है और उत्पादन लागत काफी अधिक है।
इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों के परिचालन के लिए इको-सिस्टम अभी तैयार नहीं है। एक तो बैटरी की कीमत काफी अधिक है और दूसरी अभी बैटरी चार्ज करने के लिए जगह-जगह चार्जिंग स्टेशन तैयार नहीं किए गए हैं। इसलिए खरीदारी क्षमता और टिकाऊपन से जुड़े मुद्दों पर गौर करना होगा।
आरपीएफ के लिए बनेंगे नए बैरक
बेंगलूरु. रेल प्रशासन द्वारा बेंगलूरु रेल मंडल क्षेत्र में रेलवे सुरक्षा दल (आरपीएफ) के जवानों के लिए नए बैरक का निर्माण कराएगा। रेल प्रशासन के अनुसार बेंगलूरु रेल मंडल क्षेत्र और खासतौर से बेंगलूरु के उपनगरीय क्षेत्र में रेल नेटवर्क को सुचारू बनाए रखने के लिए अन्य सुविधाओं के साथ आरपीएफ जवानों को भी बेहतर सुविधाएं देने की तैयारी है।
इसके अंतर्गत आरपीएफ जवानों को ड्यूटी पूरी होने के बाद उनके विश्राम के लिए स्टेशन परिसर में संबंधित सेंटर के आसपास ही बैरक निर्माण कराया जाएगा। राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष से 3.1 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है। आरपीएफ बैरक के अलावा रेल लाइन, टर्मिनस के काम किए जा रहे हैं।
Published on:
13 Jun 2018 05:51 pm
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