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मैसूरु विवि के नए कुलपति ने पद संभाला, विरोध शुरू

22 माह बाद मैसूरु विवि को मिला मुखिया

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मैसूरु विवि के नए कुलपति ने पद संभाला, विरोध शुरू

मैसूरु. करीब 22 माह बाद मैसूरु विवि के नए कुलपति प्रो. जी. हेमंत कुमार ने शनिवार को अपना कार्यभार संभाल लिया। लेकिन उनकी नियुक्ति ने विवाद का रूप ले लिया है। शिक्षाविदों ने प्रो. कुमार की नियुक्ति पर आपत्ति जताई है।

शिक्षाविदों के अनुसार प्रो. कुमार का मैसूरु विवि में प्रोफेसर नियुक्त किया जाना विवादित फैसला है। वर्ष 2006-2007 में विवि की ओर से नियुक्त प्रोफेसरों के मामले में अनियमितताओं की शिकायत के बाद गठित रंगा वि_लाचर जांच समिति ने नियुक्तियों को गैर कानूनी बताया था।

प्रो. कुमार का कहना है कि अदालत ने नियुक्तियां रद्द करने संबंधी सरकार के निर्णय को खारिज कर दिया था। अदालत के फैसले के बाद ही उन्होंने कुलपति पद के लिए आवेदन किया।

उन पर लगे आरोप बेबुनियाद हैं। प्रो. नारायण गौड़ा की अगुवाई वाली चयन समिति ने राज्यपाल कार्यालय को तीन नाम भेजे थे। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने प्रो. हेमंत का नाम राज्यपाल को प्रस्तावित किया था।

यह पहला ऐसा मौका है जब किसी कुलपति के चयन के लिए दो बार चयन समिति का गठन हुआ। इससे पहले के चयन समिति ने जिन नामों को प्रस्तावित किया था उससे राज्यपाल संतुष्ट नहीं थे।

जिसके बाद उन्होंने नए नाम मांगे लेकिन एक ही चयन समिति दो बार आवेदन आमंत्रित नहीं कर सकती। इस कारण नई समिति का गठन करना पड़ा था।

कुलपति प्रो. के.एस. रंगप्पा के सेवानिवृत्त होने के बाद से विवि कार्यवाहक कुलपती के हवाले था। प्रो. कुमार के नाम 333 शोध पत्र हैं। वे पीएचडी के 20 विद्यार्थियों के गाइड रह चुके हैं।