
रेलवे बोर्ड ने उपनगरीय ट्रेन प्रोजेक्ट का फंड देने से मना किया
बेंगलूरु. बेंगलूरु उपनगरीय रेल परियोजना के रास्ते में आ रही बाधाएं खत्म होती नजर नहीं आ रही हैं। नई बाधा यह आई है कि रेलवे बोर्ड ने इस परियोजना को वित्तपोषित करने में असमर्थता जता दी है। करीब 18,611 करोड़ रुपए की कुल लागत वाली इस परियोजना का करीब 20 प्रतिशत हिस्सा रेलवे बोर्ड को देना था।
रेलवे बोर्ड को 148 किलोमीटर की इस परियोजना के लिए 3,772 करोड़ रुपये प्रदान करने थे, लेकिन बोर्ड ने अब राज्य में अब अपनी 600 एकड़ जमीन के जरिये ऐसा करने का निर्णय किया है। बोर्ड ने कर्नाटक रेलवे इन्फ्रास्ट्रकचर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (के-राइड) को निर्देश दिए हैं कि वह रेलवे की जमीन का उपयोग कर अपने हिस्से की राशि जुटाए।
मूल योजना के अनुसार कर्नाटक सरकार और रेलवे बोर्ड के बीच इस बात की सहमति बनी थी कि दोनों परियोजना की कुल लागत का 20-20 प्रतिशत वहन करेंगे और बाकी 60 प्रतिशत रकम जुटाने के लिए के-राइड को अधिकृत किया गया था, जिसमें फंड जुटाने के लिए विभिन्न माध्यमों के साथ ही वित्तीय संस्थाओं से दीर्घावधि कर्ज लेने का विकल्प भी शामिल था। रेलवे बोर्ड का कहना है कि इस परियोजना के लिए जितनी जमीन देने का प्रस्ताव किया गया है, उसकी कीमत करीब 5 हजार करोड़ रुपए है और यह उसके हिस्से की पूर्ति के लिए पर्याप्त से भी अधिक है।
रेलवे सूत्रों के अनुसार वे अब बोर्ड से अनुरोध कर रहे हैं कि परियोजना को शुरू करने के लिए अब बोर्ड कम से कम 3,722 करोड़ रुपए का 10 फीसदी (यानी 372 करोड़ रुपए) ही प्रदान करें क्योंकि जमीन के बदले धन की व्यवस्था करने की प्रक्रिया में समय लगेगा। परिसंपत्तियों का व्यावसायिक रूप से दोहन करने की प्रक्रिया समय लेती है इसलिए बोर्ड से व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण प्रदान करने का अनुरोध किया गया है।
बेंगलूरुउपनगरीय रेल परियोजना में कुल 57 उपनगरीय स्टेशनों के साथ चार रेल गलियारे बनाने का प्रस्ताव है। रेलवे बोर्ड ने नवंबर 2019 में इस परियोजना को अपनी मंजूरी दे दी थी और अब इसे आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) से मंजूरी मिलने का इंतजार है।
अनुमोदन प्रक्रिया में अप्रत्याशित देर के चलते परियोजना के क्रियान्वयन की एजेंसी के-राइड ने भी विशेषज्ञों की एक टीम के गठन की प्रक्रिया को धीमा कर दिया है। बेंगलूरु में पिछले करीब दो दशक से इस परियोजना को लेकर मांग की जा रही है।
Published on:
04 Jan 2020 07:15 pm
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