
172 साल बाद दुर्लभ संयोग, आनंदादि महायोग श्रीवत्स भी
योगेश शर्मा
बेंगलूरु. इस वर्ष शारदीय नवरात्र का आरंभ हस्त नक्षत्र, शुक्ल व ब्रह्म योग, कन्या राशि का चन्द्र व कन्या ही राशि के सूर्य में आनन्दादि महायोग श्रीवत्स में 26 सितम्बर सोमवार को हो रहा है। नवरात्र पूरे 9 दिन के होंगे। इस बार शारदीय नवरात्र में वर्षों बाद मां हाथी पर सवार होकर आ रही हैं और हाथी पर ही सवार हो विदा होंगी। वर्ष में कुल चार नवरात्र होते हैं। चैत्र, आषाढ़, अश्विन और माघ माह में। चैत्र व अश्विन माह की नवरात्र उजागर नवरात्र व आषाढ़ माघ माह की नवरात्र गुप्त नवरात्र के नाम से जानी जाती है। अश्विन माह की नवरात्र शरद ऋतु में आती है। इसलिए इसे शारदीय नवरात्र के नाम से जाना जाता है।
पंडित तेजप्रकाश दवे ने बताया कि मां दुर्गा शेर की सवारी करती हैं लेकिन शास्त्रों के अनुसार नवरात्र में जब देवी दुर्गा कैलाश से पृथ्वीलोक पर आती हैं तो उनका वाहन अलग होता है। भक्तों के पास आने के लिए मां जगदंबा अलग-अलग वाहनों का चुनाव करती हैं। नवरात्र में जगतजननी दुर्गा का आगमन और प्रस्थान का वाहन सप्ताह के दिन के आधार पर तय होता है। सोमवार 26 सितंबर 2022 से नवरात्र प्रारंभ हो रहे हैं। अत: मां का आगमन हाथी पर होगा जो समृद्धि व खुशहाली का प्रतीक है। माता की विदाई भी हाथी पर होगी (मतांतर से नाव)। देवी भागवत के अनुसार जब मां का आगमन व विदाई हाथी पर होती है देश में खुशहाली का वातावरण निर्मित होता है व पर्याप्त वर्षा से जनता प्रसन्न होती है। नवरात्र में घटस्थापना, ज्वार रोपण नवदुर्गाओं की क्रमश: पूजन, अर्चन, दुर्गा सप्तशती के सात सौ महामंत्रों से हवन,कन्या पूजन व अपनी अपनी कुल परम्परा के अनुसार कुल देवी पूजन व उपवास का विशेष महत्व है। घट (कलश) स्थापना प्रतिपदा को प्रात: ब्रह्ममुहूर्त, चौघडिय़ा मुहूर्त व अभिजीत मुहूर्त में अपनी-अपनी कुल परम्परा अनुसार शुभ रहेगी। नवरात्र में उपवास का विशेष महत्व है। पूरे नवरात्र में सम्भव न हो तो अष्टमी अथवा महानवमी को कुलदेवी पूजन के अवसर पर उपवास अवश्य रखना चाहिए। नवरात्र में प्रतिदिन दुर्गासप्तशती, नवार्णमन्त्र जप, रामचरित मानस के नवान्हपारायण व रामरक्षा स्तोत्र के पाठ से मां की कृपा प्राप्त होती है।
शरद नवरात्रि घट स्थापना मुहूर्त
अश्विन शरद नवरात्रि-अश्विन शुक्ल पक्ष 1 सोमवार तारीख 26.9. 2022 ई. घटस्थापना के मुहूर्त
प्रात: 6.31 से 7.30 तक अमृत वेला
दिवा 9 .30 से 11.00 तक शुभ वेला
दिवा 12.05 से 12.53 तक
अभिजित वेला दिवा 12.41 से 2.45 तक धनु लग्न में पूजन एवं घटस्थापना करना श्रेष्ठ रहेगा।
इन राशियों पर रहेगा प्रभाव
दवे ने बताया कि इस बार नवरात्र में 172 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस बार नवरात्र महोत्सव 9 दिन मनाया जाएगा। शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना करें। नवरात्र में 7 राशि वालों की किस्मत चमकने वाली है। नवरात्र में सर्वार्थ सिद्धि योग +अमृत सिद्धि+योग राजयोग+धन योग बन रहा है। इस बार माता रानी हाथी पर सवार होकर आएंगी जो भी मां भगवती की सच्चे मन से पूजन करेगा उनकी मनोकामना पूर्ण होगी। मां दुर्गा का आशीर्वाद रहेगा।
मेष राशि- इस बार नवरात्र में जमीन संबंधित कार्य पूर्ण हो सकते हैं। अनेक जगहों से धन आता नजर आएगा। जीवन में चली आ रही परेशानी दूर होगी। समाज में मान सम्मान और प्रतिष्ठा प्राप्त होगी।
मिथुन राशि- मां दुर्गा की कृपा होगी। पति पत्नी के बीच चल रहे अनुबंध दूर होंगे। समाज में मान-सम्मान मिलेगा। कार्य में रुकावट दूर होगी। लगातार उन्नति के योग हैं।
कन्या राशि- घर परिवार में सुख शांति बनी रहेगी। अनेक जगह से धन लाभ होगा। परिवार में चल रहे मतभेद दूर हो जाएंगे। नौकरी में प्रमोशन के साथ रुके कार्य पूर्ण होंगे।
मकर राशि-घर परिवार का माहौल अच्छा रहेगा। रुके कार्य पूर्ण होंगे। नए कार्य बनने के साथ स्वास्थ्य संबंधित परेशानी दूर होगी। संतान की वैवाहिक समस्या दूर होगी वहीं आमदनी बढ़ेगी
सिंह राशि- आपके द्वारा लिए गए निर्णय काफी विशेष रहेंगे। कुछ महत्वपूर्ण कार्य पूर्ण होंगे। समाज में मान सम्मान बढ़ेगी। विदेश यात्रा होगी। रुका हुआ धन वापस आने के साथ बैंक से लोन प्राप्त होगा। आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी
मीन राशि- जो भी रुके कार्य हैं पूर्ण होंगे। आमदनी बढ़ेगी मार्केटिंग के क्षेत्र में उन्नति होगी मां दुर्गा का विशेष आशीर्वाद बना रहेगा।
तुला राशि-कई महत्वपूर्ण कार्य होंगे। लगातार आमदनी के चलते प्रसन्न होंगे। सफलता कदम चूमती चली जाएगी। आपके द्वारा सोचे गए कार्य पूर्ण होंगे। समाज में मान प्रतिष्ठा प्राप्त होगी। नौकरी में तो बड़ी जिम्मेदारी के ऑफर आएंगे। प्रतियोगी परीक्षा में सफलता प्राप्त होगी।
Published on:
25 Sept 2022 10:27 am
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