
राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने सोमवार को राजभवन में भारतीय नर्स एवं संबद्ध संघ की ओर से आयोजित मानव तस्करी विरोधी और पालन-पोषण जागरूकता कार्यक्रम 'गृह शुद्धि' अभियान का उद्घाटन किया। इसका उद्देश्य स्कूल जाने वाले बच्चों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना और अपहरण एवं शोषण की घटनाओं पर अंकुश लगाना है।
सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और नैतिक संकट
उन्होंने कहा, बचपन को बचाना न केवल एक सामाजिक जिम्मेदारी है, बल्कि एक राष्ट्रीय कर्तव्य भी है। आइए हम 'गृह शुद्धि' से 'समाज शुद्धि' की ओर बढ़ें। देश की 40 प्रतिशत आबादी 18 वर्ष से कम आयु की है। बच्चों के अपहरण की घटनाएं चिंताजनक बनी हुई हैं। कर्नाटक जैसे प्रगतिशील राज्य में भी ऐसी घटनाएं एक चुनौती बनी हुई हैं। यह न केवल एक कानूनी अपराध है, बल्कि एक सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और नैतिक संकट भी है।
ज्यादातर पीड़ित लड़कियां
आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए, राज्यपाल गहलोत ने बताया कि कर्नाटक में हर साल 2,000 से ज्यादा बच्चे लापता होते हैं, जिनमें से लगभग 10 प्रतिशत का कभी पता नहीं चल पाता। ज्यादातर पीड़ित लड़कियां हैं। तस्करी, यौन शोषण, बाल श्रम, अंग व्यापार और जबरन भीख मंगवाने से जुड़ी घटनाओं को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। केंद्र और राज्य दोनों ने विशेष कार्यबल गठित किए हैं, जबकि पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां संदिग्ध नेटवर्क पर नजर रख रही हैं। इस समस्या से निपटने के लिए अभिभावकों, स्कूलों, गैर सरकारी संगठनों, स्थानीय निकायों, नागरिकों और नागरिक समाज की सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता है।
युवा शुद्धि अभियान अब एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन
राज्यपाल गहलोत ने नवंबर 2024 में राजभवन से 'युवा शुद्धि' अभियान के शुभारंभ को याद किया, जो अब एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन बन गया है। उन्होंने कहा, 'युवा शुद्धि' अभियान और नशा मुक्त भारत जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से, हमने अपने युवाओं की सुरक्षा में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। 'गृह शुद्धि' अभियान जागरूकता और सतर्कता के माध्यम से बच्चों की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करके इस मिशन को आगे बढ़ाता है।उन्होंने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, दिशा बोध फाउंडेशन, भारतीय मजदूर संघ और संबद्ध नर्सों व संबद्ध संघों सहित सहयोगी संगठनों के प्रयासों की भी सराहना की।
Published on:
27 Aug 2025 12:14 am
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