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आत्म कल्याण की साधना करनी चाहिए-आचार्य चन्द्रयश

उग्रविहार कर आचार्य सिद्धाचल पहुंचे

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आत्म कल्याण की साधना करनी चाहिए-आचार्य चन्द्रयश

आत्म कल्याण की साधना करनी चाहिए-आचार्य चन्द्रयश

बेंगलूरु. दक्षिण गिरिराज सिद्धाचल स्थूलभद्र धाम में शुक्रवार को आचार्य चंद्रयश सूरीश्वर का पदार्पण हुआ। आचार्य चेन्नई के किलपाक में चातुर्मास सम्पन्न कर उग्र विहार करते हुए सिद्धाचल पहुंचे हैं। यहां पहुंचने पर ट्रस्टी प्रकाश कोठारी, चम्पालाल बाफना, मनुभाई मूथा, जैलेशभाई, योगेश भाई एवं दक्षिण केशरी महिला मंडल ने आचार्य का स्वागत किया। धाम पर आयोजित धर्मसभा में आचार्य ने कहा कि मनुष्य भव अनमोल है, आत्म कल्याण की साधना हमें कर लेनी चाहिए, क्योंकि यह अवसर बार-बार नही आता। रविवार को ऐसा ही पुण्य अवसर आ रहा है। करोड़ों मुनि मोक्ष में गए वैसे पवित्र दिन एक भी जैन ऐसा नहीं होगा जो पालिताना की यात्रा न करे। वहां पर तो लाखों जैन यात्रा करते हैं पर जो वहां नहीं जाते उनके लिए साक्षात गिरिराज सिद्धाचल स्थूलभद्र धाम ही है। जहां साक्षात दादा की टूंक है और मनोहर प्रभु आदिनाथ की प्रतिमा है, अवश्य हर जैन को इस दिन यात्रा करनी ही चाहिए। तीर्थ स्थल पर रविवार को विराट फागण फेरी यात्रा, गुरुदेव की 41वां दीक्षा तिथि उत्सव, गिरनार टूंक ध्वजारोहण, आगामी चातुर्मास की उद्घोषणा,आदि अनेक कार्यक्रम का आयोजन होगा।