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महिलाओं ने निकाली शिखरजी बचाओ रैली

लब्धि सूरी जैन धार्मिक शिक्षण शिक्षक उत्कर्ष ट्रस्ट का अभियान

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महिलाओं ने निकाली शिखरजी बचाओ रैली

बेंगलूरु. लब्धि सूरी जैन धार्मिक शिक्षण शिक्षक उत्कर्ष ट्रस्ट की ओर से शिखरजी बचाओ अभियान के तहत आदिनाथ जैन श्वेताम्बर मंदिर, चिकपेट से सोमवार को महिलाओं ने रैली निकाली गई। पंन्यास कल्परक्षित विजय के मांगलिक के साथ ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक संघवी ने रैली को हरी झंडी दिखाई जबकि सचिव देवकुमार के जैन ने
श्रीफल फोड़ा। सुरेंद्र सी शाह के मार्गदर्शन में साध्वीवृंद के साथ महिलाओं ने रैली में भाग लिया। पहली बार रैली में सिर्फ महिलाओं की झलक दिखाई दी। शिखरजी बचाओ के नारे लिखी तख्तियों के साथ महिलाएं नारे लगाती चल रही थीं। रैली टाउन हॉल पहुंच धरने में बदल गई। धरने को ट्रस्ट अध्यक्ष अशोक जे संघवी, सचिव देवकुमार के जैन, समन्वयक गौतम सोलंकी, सह सचिव मांगीलाल भगत, पुष्पा जोगाणी ने संबोधित किया।
आचार्य व युवाचार्य के दर्शन किए
बेंगलूरु. उदयपुर में विराजित आचार्य शिव मुनि व युवाचार्य महेंद्र ऋषि के सोमवार को बेंगलूरु के साधक सुनील सांखला व उनकी धर्मपत्नी निर्मला ने दर्शन कर आशीर्वाद लिया। आचार्य व युवाचार्य का अगला चातुर्मास महाराष्ट्र में घोषित हुआ है। चातुर्मास स्थल की घोषणा दीपावली बाद होगी।
तीन दिवसीय देवी वंदन कार्यक्रम शुरू
बेंगलूरु. दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से नवरात्रि के उपलक्ष्य में रघुशंकर हॉल में तीन दिवसीय देवी वंदन कार्यक्रम सोमवार सायं गणेश वंदना के साथ शुरू हुआ।
इस अवसर पर साध्वी निशंका भारती ने कहा कि जब महिषासुर का आतंक चारों दिशाओं में फैल गया तब मां ने अपने विकराल रूप में प्रकट होकर उसका संहार किया। महिषासुर हमारे मन में स्थित तामसी वृत्तियों का प्रतीक है। साध्वी रितु भारती ने कहा कि नवरात्रि का पर्व वर्ष में दो बार आता है। वर्ष के इन दोनों समय में ऋतुु परिवर्तन होता है। ऐसे में सर्दी, कफ, ज्वर, महामारी आदि फैलने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए हमारे ऋषि-मुनियों ने वर्ष के इस काल में व्रत-उपवास, फलाहार या सुपाच्य भोजन ग्रहण करने की परंपरा बनाई। साध्वीसाक्षी भारती ने मां की महिमा में भजन गाए।