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सफल जीवन के लिए मजबूत नैतिक चरित्र जरूरी : जस्टिस महादेवन

वर्तमान में, विशेष रूप से मध्यम और निम्न वर्ग के अभिभावकों को खासकर निजी विश्वविद्यालयों में अपने बच्चों की फीस चुकाना चुनौतीपूर्ण लग रहा है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि फीस का कम-से-कम एक हिस्सा साझा करे।

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छात्रों को जीवन और करियर में सफल होने के लिए सिद्धांतों और आज्ञाकारिता के धागों से धैर्यपूर्वक बुना हुआ मजबूत नैतिक चरित्र विकसित करना चाहिए। चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद पर विश्वास होना चाहिए।

ये बातें सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस आर. महादेवन ने कही। वे वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (वीआइटी) के 40वें दीक्षांत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने वीआइटी की अपने शैक्षणिक, शोध और प्रशासनिक कार्यों में आधुनिक तकनीक को शामिल करने और केंद्र सरकार की पहलों के साथ सहयोग करने के लिए प्रशंसा की। विश्वविद्यालय से वंचित और ग्रामीण समुदायों का समर्थन जारी रखने का आग्रह किया।

वीआइटी के कुलाधिपति डॉ. जी. विश्वनाथन ने कहा कि 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए शिक्षा का विकास अत्यंत महत्वपूर्ण है। वर्तमान में, विशेष रूप से मध्यम और निम्न वर्ग के अभिभावकों को खासकर निजी विश्वविद्यालयों में अपने बच्चों की फीस चुकाना चुनौतीपूर्ण लग रहा है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि फीस का कम-से-कम एक हिस्सा साझा करे।

डॉ. विश्वनाथन ने भारत के सकल घरेलू उत्पाद का छह फीसदी शिक्षा के लिए आवंटित करने की लंबे समय से चली आ रही मांग पर प्रकाश डाला और बताया कि वर्तमान में केवल तीन फीसदी ही खर्च किया जाता है। राज्य सरकारें शिक्षा व्यय का 75 फीसदी वहन करती हैं, जबकि केंद्र सरकार शेष राशि वहन करती है। तमिलनाडु अपने बजट का 21 फीसदी शिक्षा के लिए आवंटित करके देश में अग्रणी है।तमिलनाडु पुलिस अकादमी के निदेशक डीजीपी संदीप राय राठौर को आपदा प्रबंधन में पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। कुल 8,310 छात्रों को स्नातक उपाधियां, 2,802 को स्नातकोत्तर उपाधियां और 451 को डॉक्टरेट उपाधियां प्रदान की गईं। इसके अतिरिक्त, 203 छात्रों को उनकी रैंकिंग के लिए सम्मानित किया गया और 68 उत्कृष्ट छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए।

दीक्षांत समारोह में वीआइटी के उपाध्यक्ष शंकर विश्वनाथन, शेखर विश्वनाथन, जी.वी. सेल्वम, ट्रस्टी रमानी बालासुंदरम, कार्यकारी निदेशक संध्या पेंटारेड्डी, सहायक उपाध्यक्ष कदंबरी एस. विश्वनाथन, कुलपति वी.एस. कंचना भास्करन, रजिस्ट्रार टी. जयबरथी और एसोसिएट वाइस चांसलर पार्थसारथी मल्लिक उपस्थित थे।