
तप में होती है अपार शक्ति
बेंगलूरु. जैन श्वेताम्बर तेरापंथ सभा की ओर से यशवंतपुर स्थित तेरापंथ भवन में मुनि रणजीत कुमार व मुनि रमेश कुमार के सान्निध्य में तपस्वी नेहल बरडिय़ा का नौ तपस्या पर तप अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर मुनि रणजीत कुमार ने कहा कि चातुर्मास तप आराधना का उत्तम समय है। मुनि रमेश कुमार ने कहा कि तप में अपार शक्ति होती है। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष प्रकाश बाबेल ने नेहल का परिचय दिया। उपाध्यक्ष मदन लाल बरडिय़ा ने भी नेहल को आशीर्वाद देते हुए मुक्तकों से तप अनुमोदना की।
मंत्री गौतम मूथा, तेयुप अध्यक्ष सुनील बाबेल, महिला मंडल अध्यक्ष अरुणा महनोत ने भी विचार व्यक्त किए। प्रीति मुथा आदि बहनों ने सुमधुर गीत प्रस्तुत किया। गायक गगन बरडिय़ा ने 'तप की महिमा चिहुं दिशा म्हे...Ó गीत पेश किया। महिला मंडल मंत्री मीनाक्षी दक ने पांच की तपस्या करने का संकल्प लेकर नेहल का तप अभिनन्दन किया। तेरापंथ सभा, तेरापंथ महिला मंडल, तेरापंथ युवक परिषद ने भी साहित्य भेंट कर नेहल का अभिनंदन किया। मुनि ने 'रंगों का तन मन पर प्रभावÓ विषय पर प्रवचन दिए।
जैसे भाव वैसा जीवन
बेंगलूरु. जिन कुशल सूरी जैन आराधना भवन बसवनगुड़ी में साध्वी प्रियंरजनाश्री ने कहा कि परमात्मा के प्रभाव को समझने के लिए हमें द्रव्य क्षेत्र काल भाव भव के प्रभाव के प्रभाव को समझना होगा। उन्होंने कहा कि व्यक्ति के जैसे भाव होंगें वैसा ही उसका जीवन होगा। भावों से ही व्यक्ति कर्म बंधन करता है। भावों से ही दूसरे व्यक्ति का जीवन भी प्रभावित होता है वह बात विज्ञान ने भी मानी है।
हमारे गंदे विचारों का प्रभाव अन्य व्यक्तियों को भी प्रभावित करता है। गुस्से के भाव से मलीन भावों से यदि भोजन बनाया जाता है तो वो भोजन खाने वाले व्यक्ति के विचारों से भी क्रोधित कर देगा। हम खाना खाते समय टीवी पर मारधाड़, लूटपाट, बलात्कार के दृश्य देखते हैं तो हमारे विचार भी वैसे ही बन जाते हैं।

Published on:
24 Aug 2018 07:11 pm
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