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साधना की रीढ़ है समता

नवीन बराडिय़ा ने त्रिपदी वंदना का प्रयोग कराया।

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साधना की रीढ़ है समता

बेंगलूरु. तेरापंथ युवक परिषद के तत्वावधान में यशवंतपुर तेरापंथ भवन में मुनि रणजीत कुमार व मुनि रमेश कुमार के सान्निध्य में रविवार को वृहद सामायिक कार्यशाला आयोजित की गई।

मुनि रणजीत कुमार ने सामायिक का महत्व बताते हुए कहा कि सामायिक से समता की आय होती हे। प्रवृत्ति प्रधान जीवन में निवृत्ति भी आवश्यक होती है। मुनि रमेश कुमार ने कहा कि साधना की रीढ़ है समता।

प्रज्ञा संगीत सुधा ने मंगलाचरण किया। नवीन बराडिय़ा ने त्रिपदी वंदना का प्रयोग कराया। सभा उपाध्यक्ष मदनलाल बरडिय़ा ने श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन किया। संगठन मंत्री विनोद मुथा ने स्वागत किया। सभा अध्यक्ष प्रकाश बाबेल, मंत्री गौतम मुथा ने विचार व्यक्त किए। संयोजन दीपक बाबेल ने किया।

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झुंबर मुनि जिन शासन की प्रभावना करते रहे
बेंगलूरु. श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन श्रावक संघ ट्रस्ट शूले के तत्वावधान में साध्वी जयश्री आदि ठाणा के सान्निध्य में रविवार को 93 वर्षीय नवदीक्षित झुंबर मुनि की गुणानुवाद सभा आयोजित की गई। कर्नाटक सुधर्म श्रावक संघ के पूर्व सहमंत्री डॉ. बी रमेश गादिया ने बताया कि झुंबर मुनि ने 57 उपवास सहित देवलोक गमन किया। साध्वी ने कहा कि झुंबर मुनि सांसारिक अवस्था में जिन शासन की प्रभावना करते रहे।

सभा में शूले अध्यक्ष यशवंतराज सांखला, कोषाध्यक्ष नरेंद्र कुमार जैन, युवा संघ के सुनील मरलेचा, समरथ गच्छ के अनिल सुराणा, मनोहर बंब, रमेश चोपड़ा, नेमीचंद भंसाली, महेंद्र कोठारी, राजेंद्र चोरडिय़ा आदि श्रावक उपस्थित थे। भरत सांखला ने चार लोगस्स के पाठ से श्रद्धंाजलि दी। संचालन प्रेमकुमार कोठारी ने किया।