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इक्षु रस के जैसा भिक्षु नाम है तेरा….

भिक्षु चरमोत्सव के उपलक्ष्य में धम्म जागरण का आयोजन

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bhikshu

इक्षु रस के जैसा भिक्षु नाम है तेरा....

बेंगलूरु. जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा यशवंतपुर के तत्वावधान में तेरापंथ भवन में मुनि रणजीत कुमार व मुनि रमेश कुमार के सान्निध्य में भिक्षु चरमोत्सव के उपलक्ष्य में धम्म जागरण का आयोजन हुआ। जागरण में प्रेक्षा संगीत सुधा के गायक कलाकारों ने आचार्य भिक्षु के स्मरण के माध्यम से भक्ति गीतों की प्रस्तुतियां दी। उपासक महेंद्र दक ने राजस्थानी भाषा में छंद सुनाए। अशोक सुराणा, गौतम दक, मानमल सुराणा, सुरेश बरडिय़ा, रामलाल गन्ना, निर्मल गादिया, देवराज रायसोनी, प्रेमचंद चावत ने करें हम वीर प्रभु का ध्यान....गायकों ने हम महामंत्र का जाप करें.., इक्षु रस के जैसा भिक्षु नाम है तेरा....आदि एक से बढ़कर एक गीत प्रस्तुत किए। मुनि रमेश कुमार ने भिक्षु स्वामी हो अंतरयामी....गीत सुनाया। मुनि रणजीत कुमार ने सभी को आशीर्वाद दिया। सभा अध्यक्ष प्रकाश बाबेल ने स्वागत किया।

सामायिक दिवस के रूप में मनाई जयमल जयंती
बेंगलूरु. राजाजीनगर स्थानक में साध्वी संयमलता, अमित प्रज्ञा, कमलप्रज्ञा, सौरभप्रज्ञा आदि ठाणा ४ के सान्निध्य में आचार्य जयमल की जयंती सामायिक दिवस के रूप में मनाई गई। साध्वी संयमलता ने कहा कि स्थानकवासी परम्परा के कवियों में आचार्य जयमल एक आशुकवि थे। उनका जीवन संत का था, परंतु मानस कवि का। साध्वी सौरभप्रज्ञा ने कहा कि भोगों के सुख विष मिश्रित समान है।
अज्ञानी व्यक्ति काम भोग में सुख समझता है। साध्वी अमितप्रज्ञा ने जयमल स्तुति का सामूहिक ज्ञान करवाया। जवेरीलाल चौपड़ा, धनराज पालरेचा ने भी विचार
व्यक्त किए।
सामायिक से शुद्ध करें व्यवहारिक आचरण
बेंगलूरु. शांतिनगर जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ में आचार्य महेंद्र सागर सूरी की निश्रा में रविवार को सामूहिक सामायिक में सैंकड़ों श्रावक श्राविकाओं ने सामायिक की साधना की।
आचार्य ने कहा कि आप सामायिक करते हें यह अच्छी बात है पर आप यह भी देखिए कि इससे आपके व्यवहारिक आचरण की शुद्धि हो रही है या नहीं। सामायिक करने के बाद क्रोध नहीं आता है तो यह आपके लिए धर्म साधना हुई, यदि ऐसा नहीं हो पाता है तो एक घंटा टाइम पास ही हुआ।
सामायिक हमें यह सिखाती है कि हमारे में कषायों का शमन हो समता की स्थापना हो।