
शिवमोग्गा में तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों के पुत्र चुनाव मैदान में
शिवमोग्गा. लोकसभा उपचुनाव में यहां पूर्व मुख्यमंत्रियों के तीन पुत्रों के बीच मुकाबला है। भाजपा ने यहां पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस.येड्डियूर्पा के पुत्र बी.वाई राघवेंद्र को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस तथा जद (एस) गठबंधन ने पूर्व मुख्यमंत्री एस.बंगारप्पा के पुत्र मधु बंगारप्पा को प्रत्याशी बनाया है।
और एक पूर्व मुख्यमंत्री जे.एच.पटेल के पुत्र महिमा पटेल ने भी यहां जनता दल (यू) के प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया है। मधु पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ेंंगे।
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येड्डि की घेराबंदी के लिए जद-एस को दी सीट: कांग्रेस
शिवमोग्गा में सियासी समर को लेकर गठबंधन और विपक्ष के बीच वाक्युद्ध भी तेज हो गया है। चुनाव कार्यक्रम घोषित होते ही येड्डि ने बेटे के प्रचार शुरू कर दिया था। येड्डियूरप्पा का दावा है कि उनका बेटा बड़े अंतर से जीतेगा।
येड्डि ने कहा कि शिवमोग्गा में कोई मुकाबला नहीं है। कांग्रेस और जद-एस जो चाहें करें, राघवेंद्र की आसान जीत होगी। कांग्रेस को यहां उम्मीदवार नहीं मिला और उसने यह सीट जद-एस को दे दी। येड्डि के दावों पर पलटवार करते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि वे दिन में सपने देख रहे हैं, गठबंधन के प्रत्याशी मधु को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।
कांग्रेस ने हमें सीट, मधु मजबूत उम्मीदवार हैं। कुमारस्वामी ने कहा कि विधानसभा में गठबंधन को शिवमोग्गा में भाजपा से 90 हजार मत Óयादा मिले थे। कुमार ने गठबंधन की जीत का दावा करते हुए कहा कि इसके साथ ही भाजपा के अंत की शुरूआत भी होगी।
उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडूराव ने कहा कि हमने भाजपा को कड़ी टक्कर देने के लिए शिवमोग्गा सीट जद-एस को दी है। हमारा एकमात्र मकसद शिवमोग्गा में येड्डियूरप्पा की घेराबंदी करना है।
उपचुनाव में कांग्रेस तथा जद (एस) नेता संयुक्त चुनाव प्रचार सभाओं का आयोजन कर भाजपा को हराएंगे। शिवमोग्गा लोकसभा क्षेत्र भाजपा से छीनने के लिए विशेष रणनीति तय की गई है।
यहां पर कांग्रेस को वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में 4 लाख 50 हजार से अधिक मत प्राप्त हुए थे। इस क्षेत्र में जद (एस) से अधिक कांग्रेस की जड़ें मजबूत होने के बावजूद कांग्रेस ने यह क्षेत्र जद (एस) को छोडऩे का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि राÓय के सभी तीन लोकसभा तथा 2 विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल करने के लिए कांग्रेस तथा जद (एस) ने संकल्प किया है। साथ में आगामी आम चुनाव के दौरान भी भाजपा को कर्नाटक में कड़ी चुनौती दी जाएगी। पूरे देश में गैर भाजपा दलों के संगठन के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
Published on:
16 Oct 2018 05:00 pm
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