
गनोड़ा में गर्मी के दिनों में खेत में लगी तिल की फसल की फलियां। हरा भरा खेत दिखाते किसान प्रभाशंकर व्यास। (फोटो पत्रिका)
Farmer New Experiment : बांसवाड़ा के गनोड़ा में आमतौर पर गेहूं कटाई के बाद खेत खाली छोड़ दिए जाते हैं। किसान बरसात का इंतजार करते हैं, लेकिन गनोड़ा के सेवानिवृत्त शिक्षक और नवाचारशील किसान प्रभाशंकर व्यास ने इस परंपरा को तोड़ते हुए गर्मियों में भी खेती की मिसाल पेश की है। उन्होंने मार्च में गेहूं की कटाई के बाद अपने खेत को खाली न छोड़ते हुए उसमें तिल की फसल बो दी। आज वही खेत गर्मी के मौसम में भी हरे-भरे तिलों से लहलहा रहा है।
किसान प्रभाशंकर व्यास बताते हैं कि उन्होंने केवल 280 रुपए में 600 ग्राम तिल का बीज खरीदा और उसे एक बीघा खेत में बो दिया। तिल की यह फसल बिना किसी अतिरिक्त खाद या सिंचाई के अच्छी तरह पनपी। अनुमानित उत्पादन एक क्विंटल है, जिससे 15 से 20 हजार रुपए तक की आमदनी संभव है। यह लाभ किसान की सूझबूझ और नवाचार की सोच का प्रतिफल है।
प्रभाशंकर व्यास बताते हैं कि तिल की फसल में न तो ज्यादा पानी की जरूरत होती है, न ही इसमें खाद डालनी पड़ती है। साथ ही, इसे मवेशी भी नहीं खाते, जिससे फसल को नुकसान का खतरा नहीं रहता। भीषण गर्मी के बावजूद उनका खेत हरा-भरा दिखाई देता है, जो राहगीरों को भी आकर्षित करता है।
व्यास का यह प्रयास प्रेरक है और यह दिखाता है कि थोड़ी सी सोच और प्रयोगधर्मिता से कृषि क्षेत्र में भी नए अवसर तलाशे जा सकते हैं। उनकी यह पहल दूसरे किसानों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन रही है।
Updated on:
08 Jun 2025 12:06 pm
Published on:
08 Jun 2025 12:05 pm
बड़ी खबरें
View Allबांसवाड़ा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
