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Rajasthan : मानगढ़ धाम पर जुटे चार राज्यों के हजारों आदिवासी, उठाई अलग भील प्रदेश की मांग

Bhil Pradesh Demand : आदिवासियों की शहादतस्थली और जलियांवाला बाग हत्याकांड से भी बड़े नरसंहार के साक्षी मानगढ़ धाम पर गुरुवार को आदिवासी एकजुट हुए। राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र से आए हजारों आदिवासियों ने भीलप्रदेश की मांग की।

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Banswara Mangarh Dham four states Thousands of tribals gathered raised separate Bhil state demand

बांसवाड़ा जिले के आनंदपुरी क्षेत्र में गुजरात की सीमा पर स्थित मानगढ़ धाम पर गुरुवार को भीलप्रदेश संदेश यात्रा के दौरान शहीद स्मारक पर एकत्र आदिवासीजन। फोटो पत्रिका

Bhil Pradesh Demand : आदिवासियों की शहादतस्थली और जलियांवाला बाग हत्याकांड से भी बड़े नरसंहार के साक्षी मानगढ़ धाम पर गुरुवार को आदिवासी एकजुट हुए। राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र से आए हजारों आदिवासियों ने भीलप्रदेश की मांग की। आदिवासी नेताओं ने इसे दशकों पुरानी मांग, जरूरत और आजादी का दूसरा आंदोलन बताया। भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा और ‘आदिवासी परिवार’ संगठनों के बैनर तले हुए ‘भील प्रदेश संदेश यात्रा’ समागम में भाषण, आदिवासी लोकगीतों की प्रस्तुतियां और जल-जंगल-जमीन व संस्कृति रक्षा की शपथ ली।

भील प्रदेश के लिए पद छोड़ दूंगा - राजकुमार रोत

बीएपी सांसद राजकुमार रोत ने कहा, ‘2016 में मंत्री नंदलाल मीणा ने कहा था, मैं मंत्री हूं। सरकार का गिरवी नहीं हूं। भील प्रदेश के लिए यह पद भी छोड़ना पड़े तो छोड़ दूंगा।

ये आरोप और मांगें…

1- संवैधानिक अधिकारों का पूरा लाभ नहीं मिल रहा।
2- जनजातीय संस्कृति, भाषा व पहचान को खतरा।
3- संवैधानिक अधिकारों का हनन, पंचायती राज विस्तार अधिनियम जमीनी स्तर पर लागू नहीं।
4- आदिवासी ग्रामसभाओं के अधिकारों का हनन।
5- जमीन अधिग्रहण व विस्थापन।
6- जंगलों पर उनके पारंपरिक अधिकार खत्म किए जा रहे।

भील प्रदेश नक्शे पर बवाल, सांसद रावत और मंत्री खराड़ी ने घेरा

डूंगरपुर-बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत की ओर से भील प्रदेश की मांग को लेकर मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक नक्शा पोस्ट किया गया। नक्शे ने बवाल खड़ा कर दिया और उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत और जनजाति विभाग मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने जवाबी पोस्ट से रोत को जमकर घेरा।

विवाद की जड़ रोत की सोशल मीडिया पोस्ट

सांसद रोत ने 15 जुलाई को एक्स पर लिखा था कि भील राज्य की मांग को लेकर गोविंद गुरु के नेतृत्व में 1913 में 1500 से ज्यादा आदिवासी मानगढ़ पर शहीद हुए थे। आजादी के बाद भील प्रदेश को चार राज्य में बांटकर इस जनता के साथ अन्याय किया गया।

नक्शे से समाज में जहर घोलने की साजिश

मंत्री खराड़ी ने 16 जुलाई को फेसबुक पोस्ट में लिखा कि रोत की ओर से जारी नक्शा आदिवासी समाज में जहर घोलने की साजिश है।


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