
गौराम कथा : ‘धन से नही, हरि भजन से जीवन में आनंद-सुखानंद’
गोराम कथा में उमड़े श्रद्धालु
बांसवाड़ा. तलवाड़ा. गोवर्धन गोशाला व सर्व समाज के द्वारा आयोजित आठ दिवसीय धार्मिक अनुष्ठानों के तहत गौ राम कथा में व्यास पीठ पर विराजित मानस मर्मज्ञ कथा वाचक कमलेश भाई शास्त्री ने कहा कि राम का नाम ही मुक्ति का आधार है लेकिन मानव इस सहज भक्ति मार्ग पर परमात्मा की अनुकंपा के बिना आगे नहीं बढ़ सकता है। वे शुक्रवार को गोवर्धन गोशाला व सर्वसमाज के तत्ववाधान में आयोजित गोरामथा में प्रवचन कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि कुसंगति करोगे तो मति कुमति बन जाएगी। उन्होंने एक प्रसंग में कहा कि जैसे एक धूल का कण पानी में मिल जाए तो वह कीचड़ बन जाएगा और जब हवा के साथ हो जाए तो वह आसमान को छू लेगा। इसलिए हमेशा सज्जन की संगति करें, दुर्जन से नहीं। गोसेवा कार्य राम कार्य है। धन से नहीं जीवन में हरि भजन से ही आनंद सुखानंद है। उन्होंने कहा कि कलयुग में धर्म को मंदिर और मस्जिद से बाहर लाने की जरूरत है। समाज में धर्म के नाम पर कतिपय लोगों द्वारा हो रहे गौरख ध्ंाधे को रोकना होगा। अतिथि अखिल भारतीय गोप्रमुख शंकरलाल ने कहा कि समाज में भेदभाव न हो। जीवन में गो उत्पादों का प्रयोग करें जिससे कोई रोग शरीर को छू नहीं सकेगा।
उन्होंने लोगों को देशी वस्तुओं के उपयोग की भी सीख दी। इनका सम्मान -प्रसाद के यजमान दीपक पंचाल, आशिष, राजन कोठारी का सम्मान किया गया। गोराम कथा में कूपड़ा, सुंदनपुर, गोरड़ी, कोहाला, देवलीया, भचडिय़ा, बडलिया, सामागढ़ा आदि सहित आसपास के कई गांवों से श्रद्धालु पहुंचे और कथा का रसपान किया। इस दौरान संगीमय रामचरितमानस की चौपाइयों व भजनों पर श्रद्धालु झूम उठे और कई भक्त सतसंग भजन के दौरान नाचने लगे। गोराम कथा दूसरे दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने धर्मलाभ लिया।
Published on:
29 Dec 2017 11:12 pm
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