
हाथों में डंडे लेकर ट्रैक्ट्रर-ट्रॉलियों में बैठकर नारेबाजी करती हुई ग्रामीण महिलाएं पहुंची कलेक्ट्रेट
बांसवाड़ा.
पूर्ण शराब बंदी तथा प्रतिबंधित शराब की बिक्री को लेकर एक बार फिर महिलाएं कलक्टरी पहुंची और नारेबाजी के साथ प्रदर्शन करते हुए पुलिस पर चूडिय़ां फेंककर विरोध जताया। इस दौरान महिलाओं ने प्रशासन, पुलिस तथा आबकारी विभाग के कार्मिकों को खूब खरी खोटी सुनाई। राजस्थान में प्रतिबंधित शराब की बोतलें, देसी हथकड़, शराब बनाने वाले बर्तन तथा डंडे हाथ में लेकर मूंगाणा, चंदूजी का गढ़ा आदि गांवों की महिलाएं ट्रैक्ट्रर- ट्रॉलियों में बैठकर कलक्टरी पहुंची।
पुलिस तथा आबकारी विभाग की मिलीभगत
प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने एक बार फिर शराब को लेकर विरोध जताते हुए आरोप लगाया कि हथकड़ शराब की भट्टियां एवं राजस्थान में प्रतिबंधित शराब की बिक्री पुलिस तथा आबकारी विभाग की मिलीभगत से चल रही है।
भय की स्थिति भी बनी हुई है
इस दौरान प्रदर्शन कर रही महिलाओं का यह भी आरोप था कि जिला मुख्यालय से लेकर देहात तक शराब के अवैध ढाबों की भरमार हैं, जहां देसी हथकड़, अंग्रेजी शराब, बीयर के साथ राजस्थान में प्रतिबंधित मध्य प्रदेश तथा हरियाणा की शराब खुलेआम परोसी जा रही है। महिलाओं का कहना है कि अवैध व्यापार की शिकायत करने पर अवैध कारोबार में लिप्त लोग मारपीट पर उतर आते हैं। इससे भय की स्थिति भी बनी हुई है।
कारोबार बांसवाड़ा जिले में नया नहीं है
गौरतलब है कि हथकड़ शराब की सुलगती भट्टियों का कारोबार हो या देसी अंग्रेजी या बीयर की अवैध रूप से बिक्री या राजस्थान में प्रतिबंधित शराब का कारोबार बांसवाड़ा जिले में नया नहीं है। यह खेल यहां दशकों से चला आ रहा है। समय समय पर विभिन्न सामाजिक संस्थाओं और समाजसेवियों की ओर से सरकार के समक्ष शराब बंदी की मांग भी होती रही है। जानकारों के अनुसार गत दिनों पुलिस की ओर से कार्रवाई की गई हैं, लेकिन ये नाकाफी हैं। क्योंकि जिले में अवैध ढाबों की भरमार है। जिन पर ठोस कार्रवाई की जरूरत है।
Published on:
02 Oct 2018 03:06 am
बड़ी खबरें
View Allबांसवाड़ा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
