
धर्मवीर सिंह चौहान. जिले में प्रारंभिक शिक्षा में बच्चों की शैक्षिक नींव मजबूत करने की जिन पर जिम्मेदारी है, वे ही इसे कमजोर कर रहे है। मामला प्राथमिक शिक्षा अधिगम स्तर मूल्यांकन पांचवीं बोर्ड इम्तिहान से जुड़ा हुआ हैं। जिसमें हालात यह है कि परीक्षा के नाम पर कुछेक जगह पर औपचारिकताएं की जा रही है एवं बच्चों को प्रश्न हल कराने में शिक्षक ही जुटे हुए हैं। ऐसे में बच्चों के असल मूल्यांकन पर सवाल खड़े हो रहे है। ताज्जुब इस बात का भी है कि शिक्षा विभागीय उड़नदस्तों का गठन होने के बावजूद विद्यालय में बेखौफ नकल का खेल चल रहा है। शुक्रवार को पर्यावरण विषय की परीक्षा के दौरान पत्रिका ने राजकीय विद्यालयों की पड़ताल की तो हकीकत सामने आई। यह बात दीगर है कि कई विद्यालयों में परीक्षा सुचारू भी चल रही हैं, लेकिन कुछेक की कारस्तानी से पूरी व्यवस्था पर दाग लग रहा हैं।
केस 01 - बच्चों को हल करवा रहे थे प्रश्न
राजकीय माध्यमिक विद्यालय रोहाल में सुबह आठ बजकर 56 मिनट पर दो कक्षों में कुल 37 बच्चों को बिठाकर परीक्षा ली जा रही थी। एक कक्ष में अध्यापिका स्वयं कागज पर उत्तर लिखकर बच्चों को प्रश्न हल करवा रही थी। संवाददाता के पहुंचते ही कागज को छुपाने का प्रयास किया गया।
केस दो- श्याम पट्ट पर लिखे थे उत्तर
राजकीय माध्यमिक विद्यालय कोणा में सुबह 9 बजकर दस मिनट पर 39 परिक्षार्थियों को दो कमरों में बिठाकर परीक्षा ली जा रही थी। एक कक्ष में अध्यापिका की ओर से श्याम पट्ट पर प्रश्नों के उत्तर लिखकर बच्चों को नोट बुक में लिखने की हिदायत दी जा रही थी। यहां संवाददाता के पहुंचते ही श्याम पट्ट पर लिखे उत्तर मिटाए गए।
केस 03- एक दूसरे के पास उत्तर पुस्तिका
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय डकारकुंडी में सुबह 9बजकर 23 मिनट पर दो कमरों में 63 बच्चों की परीक्षा ली जा रही थी। यहां उत्तर पुस्तिकाएं बच्चों की एक दूसरे के पास थी, जिससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि परीक्षा कैसे हो रही होगी। ऐसे ही हाल राउमावि आमजा में सुबह पौने दस बजे दो कमरों में 47 बच्चों के परीक्षा के परीक्षा देने के दौरान भी नजर आए।
कुल पंजीकृत विद्याथी - 46491
छात्र पंजीकृत- 23796
छात्राएं पंजीकृत- 22695
परीक्षा केंद्र- 729
संग्रहण केंद्र- 22
Updated on:
04 May 2024 01:33 pm
Published on:
04 May 2024 01:29 pm
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