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बांसवाड़ा : कोरोना का भय हावी, वृद्धा की मौत पर दो-तीन दिन घर में पड़ा रहा शव

locationबांसवाड़ाPublished: May 12, 2021 09:23:47 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

Covid-19 News Rajasthan : बदबू आने पर दी ग्रामीणों ने सूचना पर अंतिम संस्कार में मदद से बनाई दूरी, ग्राम पंचायत ने किया बांसवाड़ा से टीम बुलवाकर किया अंत्येष्टि का इंतजाम

बांसवाड़ा : कोरोना का भय हावी, वृद्धा की मौत पर दो-तीन दिन घर में पड़ा रहा शव

बांसवाड़ा : कोरोना का भय हावी, वृद्धा की मौत पर दो-तीन दिन घर में पड़ा रहा शव


बांसवाड़ा ( गनोड़ा.) कोरोना महामारी के चलते जिले के गांवों में आस-पड़ोस में बीमारों की मदद तो दूर, मौत पर भी भय के मारे लोग दूर भाग रहे हैं। इसकी बानगी मोटाटांडा पंचायत के लांबापाड़ा गांव में बुधवार को सामने आई, जबकि एक वृद्धा की मौत के बाद शव दो-तीन दिन तक घर में पड़ा रहा। सूचना पर भी ग्रामीण उनकी अंत्येष्टि में मदद के लिए भी आगे नहीं आए तो पंचायत ने बांसवाड़ा से टीम बुलवाकर पुलिस की मौजूदगी में दाह संस्कार करवाया।
पुलिस के अनुसार वाकया लांबापाड़ा निवासी 60 वर्षीया गंगा पत्नी जमका तेली के साथ हुआ। महिला का एक बेटा है, जो रोजगार के लिए कुवैत में है। एक बेटी की बांसवाड़ा में और दूसरी की सुंदनी में शादी करवाई थी, जबकि बहू बांसवाड़ा ही अपने पीहर में रह रही थी। पीछे वृद्धा घर पर अकेली रहती थी। गंगा की दो दिन पहले घर में ही मृत्यु हो गई। आसपास घर नहीं होने से किसी को भनक नहीं लगी। इसके बाद बुधवार को बदबू आने पर घर के आसपास से गुजरते लोगों को शंका हुई तो सरपंच नारायणलाल दायमा को बताया। दायमा ने इसकी सूचना मोटागांव थानाधिकारी हेमंत चौहान एवं गनोड़ा तहसीलदार राजकुमार सारेल को दी। सरपंच ने बताया कि कोविड के चलते सब घरों में हैं। ऐसे में दरवाजा बंद दिखा, तो किसी ने ध्यान नहीं दिया। दो दिन तक आसपास से गुजरते समय कोई हलचल तक नहीं दिखी और बदबू आई तो लोगों को शक हुआ। उसके बाद वृद्धा के मौत की जानकारी मिली। हालांकि मौत कैसे हुई, कुछ पता नहीं चला। शव गर्मी के चलते बिगड़ गया था।
परिजन आए, लेकिन हट गए पीछे
थानाधिकारी चौहान के अनुसार इत्तला देने पर मृतका के परिजनों को सूचना दी गई। बेटी और बहू सहित चार-पांच रिश्तेदार आए भी, लेकिन किसी तरह की कार्रवाई से इनकार कर सभी पीछे हट गए। इसके चलते बांसवाड़ा से टीम बुलानी पड़ी। उधर, सरपंच दायमा ने बताया कि गांव में पांच-छह ट्रैक्टर हैं, लेकिन शव ले जाने के लिए कोई भी अपना टै्रक्टर देने को कोई तैयार नहीं हुआ, न ही कोई चालक आगे आया। इस पर उन्होंने पीपीई किट मंगवाकर अपने भाई को ट्रैक्टर चालक बनाकर शव शमशान तक भिजवाया। फिर उपसरपंच कल्याण नायक व सदस्य मगनलाल यादव के सहयोग से पंचायत की तरफ से अंत्येष्टि की व्यवस्था की गई, तो बांसवाड़ा से आई टीम ने अंतिम संस्कार किया। महिला की मौत से गांव में संक्रमण की आशंका से लोग ग्रसित दिखे, तो बस्ती में सोडियम हाइपोक्लोराइड का छिडक़ाव भी करवाया गया।
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