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राजस्थान के इस जिले के जनजाति बच्चों के लिए विज्ञान पढऩा हुआ मुश्किल, जानें क्यों

बता दें कि जिले में जिन महात्मा गांधी विद्यालयों में लैब स्थापित होनी थी, उनमें किसी में भी इस रोबोटिक्स प्रयोगशाला को पूर्ण रूप से स्थापित नहीं किया जा सका है।

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आशीष बाजपेई
बांसवाड़ा. प्रदेश में बच्चों को तकनीकी शिक्षा में अग्रणी बनाने की विभागीय मंशा बेरुखी की भेंट चढ़ रही है। आलम यह है कि महात्मा गांधी स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को इलेक्ट्रानिक, इलेक्ट्रिकल, मेकैनिकल, एआई व मशीन लर्निंग से जुड़े तकरीबन 100 उपकरणों से नवाचार व आविष्कार करना सिखाना था, लेकिन जिले में अब तक इसके ठिकाने ही नहीं हैं। 6 महीने से उपकरण गत्तों व अलमारी में बंद पड़े हैं। इसके बावजूद जिमेदार इस दिशा में ध्यान नहीं दे रहे हैं। लैब की स्थापना को लेकर पत्रिका टीम ने पड़ताल की तो लापरवाही व अनदेखी भी साफ तौर पर सामने आई। बता दें कि जिले में जिन महात्मा गांधी विद्यालयों में लैब स्थापित होनी थी, उनमें किसी में भी इस रोबोटिक्स प्रयोगशाला को पूर्ण रूप से स्थापित नहीं किया जा सका है।

एकाध विद्यालय प्रबंधन ने स्वयं बच्चों को उपकरणों से बताने का प्रयास किया, लेकिन व्यवस्थित तौर वहां भी रोबोटिक्स लैब स्थापित नहीं हो सकी है। जबकि एकाध विद्यालयों में स्थानाभाव की बात भी सामने आई। जिले में प्रथम चरण में महात्मा गांधी विद्यालय आंजना, बोरी, डडूका, लोहारिया, पालोदा, सरेड़ी बड़ी व घाटोल का चयन किया गया, जहां अक्टूबर में लैब का सामान पहुंचाया गया।

इसी प्रकार से दूसरे चरण में राजकीय महात्मा गांधी विद्यालय मोरड़ी गढ़ी, अरथूना, गांगड़तलाई, छोटी सरवन नापला, खांदू कॉलोनी बांसवाड़ा, तलवाड़ा का चयन किया गया हैं। यहां दिसंबर में उपकरण पहुंचे हैं। पत्रिका की पड़ताल में सामने आया कि राजकीय महात्मा गांधी विद्यालय मोरड़ी गढ़ी में लैब का सामान तो पहुंच गया हैं, लेकिन इसे अलमारी में बंद कर रखा हैं। इसी तरह पालोदा के विद्यालय में भी ऐसे ही हाल है।

शिक्षकों और प्रिंसिपल ने बताया कि जब लैब के उपकरण रखने के लिए कुछ लोग आए थे, उन्होंने ने सत हिदायत दी थी कि इन उपकरणों को छूना मत ये सभी महंगे है। जल्द ही टीम आएगी तो इन उपकरणों को इंस्टाल करेगी। लेकिन उसके बाद से कोई नहीं आया। जिससे लैब शुरू नहीं हो पाई हैं।

कई विद्यालयों में उपकरण जस के तस गत्तों में पैक रखे हैं। कुछ एक विद्यालयों में उपकरण को खोलकर लगाया भी गया, लेकिन पूरी तरह लैब स्थापित नहीं हुई। यहां तक की शिक्षकों को प्रशिक्षण भी नहीं दिया जा सका है विद्यालयों में स्थापित होने वाली रोबोटिक्स लैब में 100 से अधिक उपकरणों को पहुंचाया गया है। इसमें रोबोटिक कार, स्मार्ट डिवाइस स्टेम किट, रोबोटिक किट, होम ऑटोमेटिक किट, मेटल डिटेक्टर किट, लाइफ साइंस वॉइस कंट्रोल्ड रोबोटिक किट, प्रोजेक्टर स्टेम किट, टेलीस्कोप, प्रिंटिंग प्रेस स्टेम किट, ड्रोन, थ्री डी प्रिंटर सहित अन्य कई सामान।

यह कहते हैं अधिकारी
सभी लैब का सामान प्रदेशस्तर से आया है। हमारे उपकरण प्राप्त करने की सूचना मांगी गई थी, जो भिजवा दी गई है। लैब के लिए दो फेज में स्कूलों का चयन हुआ है। कुल 13 स्कूल शामिल हैं। संचालन को लेकर जानकारी लेंगे। सुशील जैन, एडीपीसी, समग्र शिक्षा


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