
गौरव पाटीदार, प्रणीत दीक्षित और साहिल बुनकर।
बांसवाड़ा। बांसवाड़ा के नवोदय विद्यालय में अध्ययनरत तीन बच्चों ने उनकी लगन और मेहनत के बूते पहली बार में जेईई परीक्षा पास कर दिखा दिया कि कुछ भी असंभव नहीं है। प्रयास मन से किया जाए तो संसााधन आड़े नहीं आते हैं। इस कारण ही मध्यम वर्गीय परिवारों के इन बच्चों की सफलता के कारण उनके परिजनों के चेहरे पर भी मुस्कान है।
नवोदय विद्यालय बांसवाड़ा में 12वीं अध्ययनरत रहे प्रणीत दीक्षित ने हाल ही में 12वीं कक्षा की परीक्षा 98 फीसदी अंकों से उत्तीर्ण की। इसके कुछ दिन ही बाद जेईई एडवांस परीक्षा में चयन ने खुशी दोगुनी कर दी। उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 5283 और कैटेगरी (ईडब्ल्यूएस) रैंक 605 हासिल कर तकनीकी शिक्षा के बड़े विद्यालय में पढ़ाई के लिए कदम बढ़ा दिया है।
प्रणीत बताते हैं कि उन्होंने 12वीं में पढ़ाई करने के साथ ही जेईई की भी तैयारी की और विद्यालय की ओर से ऑनलाइन क्लासेस के लिए उपलब्ध कराई गई व्यवस्था के सपोर्ट से तैयारी की। 12वीं की पढ़ाई के साथ तैयारी को मैनेज करना थोड़ा कठिन तो था लेकिन फोकस किया तो अच्छा परिणाम आया। प्रणीत का कहना है कि उन्होंने कोई दूसरा लक्ष्य निर्धारित नहीं किया था, सिर्फ यही करना था।
बीते वर्ष नवोदय विद्यालय बांसवाड़ा से 91.20 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाले गौरव पाटीदार ने भी जेईई एडवांस परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 3594 और कैटेगरी(ईडब्ल्यूएस) रैंक 373 हासिल की है। उन्होंने बताया कि यदि उन्हें विद्यालय के माध्यम से स्कॉलरशिप नहीं मिलती तो वो बीएड की तैयारी करते क्योंकि मध्यम वर्गीय परिवार से होने के कारण वे कोचिंग एवं अन्य खर्चों को वहन नहीं कर पाते।
वे कहते हैं कि बीते वर्ष विद्यालय में पढ़ाई के दौरान उन्होंने तैयारी के लिए एक परीक्षा दी थी, जिसमें उन्होंने स्कॉलरशिप जीती। उन्हें पुणे में एक वर्ष तैयारी करने का मौका मिला। गौरव ने बताया कि एग्जाम पास करने के लिए उनके पास एक ही मौका था। इसलिए उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी और परीक्षा पास की।
बड़ी पडाल घाटोल के साहिल बुनकर ने भी इस वर्ष जेईई परीक्षा उत्तीर्ण की है। एक वर्ष की तैयारी के बाद उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 12425 और कैटेगरी(एससी) रैंक 321 पाई है। नवोदय में पढ़ाई के दौरान साहिल ने भी परीक्षा उत्तीर्ण कर स्कॉलरशिप प्राप्त की और जोधपुर में रहकर एक वर्ष तैयारी की। साहिल ने बताया कि इस एक वर्ष में वो सिर्फ दो बार ही घर आ सके।
यहां तक की चाचा की शादी में भी वे सिर्फ एक ही दिन के लिए घर आए। चूंकि लक्ष्य था कि जेईई पास करना है। इसलिए 15-18 घंटे तक रोज पढ़ाई की। 12वीं 89 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले साहिल ने बताया कि शुरुआत से ही उनका लक्ष्य निर्धारित था। वे कहते हैं कि गणित विषय में उनसे थोड़ी कमी रह गई अन्यथा वे और भी अच्छे अंक प्राप्त करते। परीक्षा को लेकर प्रेशर जरूर था लेकिन सबकुछ मैनेज किया।
Published on:
12 Jun 2024 01:53 pm
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