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Rajasthan : कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष चांदमल जैन और परिवार के 9 सदस्यों पर एफआइआर दर्ज, ACB ने शुरू की जांच

Rajasthan : कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष चांदमल जैन और परिवार के 9 सदस्यों सहित 11 के खिलाफ एसीबी में एफआइआर दर्ज की है। जांच शुरू हो गई है।

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Rajasthan Banswara Congress district president Chandmal Jain and 11 people FIR ACB investigation

एसीबी जयपुर मुख्यालय। फोटो पत्रिका

Rajasthan : बांसवाड़ा के बड़ोदिया पंचायत में मिलीभगत कर कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष व उनके परिवार के 9 सदस्यों के नाम पर मुख्यमार्ग से सटी करोड़ों की जमीन के पट्टा आवंटन में भ्रष्टाचार को लेकर एसीबी ने शिकंजा कसा है। एक ही परिवार के 9 सदस्यों सहित 11 व्यक्तियों के खिलाफ जयपुर मुख्यालय ने प्रकरण दर्ज किया है।

एसीबी सूत्रों के अनुसार 12 अ€क्टूबर-2021 से 16 फरवरी-2022 के बीच हुए 2.40 करोड़ की जमीन के गड़बड़झाले में तत्कालीन वीडीओ राजकुमार शर्मा, सरपंच और मौजूदा प्रशासक रमेश डोडियार के साथ कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष चांदमल पुत्र मीठालाल जैन, उनकी पत्नी नाथीबाई, बेटा नीतेश, पुत्रवधू राजमती, विकास, पुत्रवधू नीलम, प्रियंका पत्नी मयंक जैन और पोते-पोती सेजल और तक्ष जैन को आरोपी बनाया गया है। एसीबी मुख्यालय ने केस दर्ज कर अनुसंधान ब्यूरो डूंगरपुर के डीएसपी को सौंपा है।

यह था मामला

बड़ोदिया निवासी जयंतलाल भट्ट ने 2021 में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग, जिला प्रशासन और फिर एसीबी में शिकायत की थी। विभागीय जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई। टीम ने पाया कि जो जमीन आवंटित की गई, वह राजस्व रिकॉर्ड में बड़ोदिया पंचायत के आबादी विस्तार के लिए आरक्षित गैरमुमकीन आबादी दर्ज है। मिलीभगत कर जैन परिवार के सदस्यों को उ€क्त जमीन के नियम विरुद्ध पट्टे आवंटित किए गए। कमेटी ने आवंटन गलत बताते हुए नतीजा रिपोर्ट पेश की।

आरोप प्रमाणित पाए गए, रोड साइड के कुल 9 प्लॉट हैं

उधर, जयपुर एसीबी ने इस मामले की जांच एसपी पुलिस प्रशासन जयपुर पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ को सौंपी। राठौड़ ने विभागीय जांच की पत्रावली हासिल कर दोबारा पड़ताल की। इसमें आरोप प्रमाणित पाए गए। रोड साइड के कुल 9 प्लॉट हैं। कुल जमीन करीब एक बीघा है। बाजार कीमत करीब पांच करोड़ रुपए से ज्यादा है।

ग्राम पंचायत को अधिकार ही नहीं

जांच में यह भी सामने आया कि दान की श्रेणी में दिखाई गई जमीन के पट्टे जारी करना पंचायत के क्षेत्राधिकार से बाहर है।बावजूद इसके, बिना वैध प्रस्ताव और नीलामी प्रक्रिया अपनाए, जैन परिवार के नाम पर प्रशासन गांवों के संघ अभियान के दौरान पट्टे जारी कर, सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया गया।