
बांसवाड़ा : पुलिस के दामन पर दाग खूब लगे तो गौरव के तमगे भी सजे, 2018 में हत्याएं बढ़ी तो चोरों ने भी नींद उड़ाई
चेतन द्विवेदी. बांसवाड़ा. अपराध की दृष्टि से वर्ष 2018 मिला जुला रहा है। पुलिस के दामन पर दाग लगे तो कुछ गर्व करने लायक लम्हे भी सुकून भी दे गए। दोहरे और तिहरे हत्याकांड जैसी जघन्य और सनसनीखेज वारदातों ने झकझोरा। पुलिसकर्मियों के रग रग में भ्रष्टाचार की रह रह कर कलई खुली। राह चलते लूट चेन स् नेचिंग और चोरी की वारदातों ने आम जनता की नींद उड़ाई रखी। वर्षों से लंबित छींच हत्याकांड, पालोदा हत्याकांड के मामलों पर गर्द जमी रही। इस बुरे अतीत के बीच कुछ सुनहरी यादों के पन्ने में भी जुड़े। पिछले साल के मुकाबले अपराध का ग्राफ नीचे रहा। डकैती के अपराध के सफाये का पुलिस को श्रेय मिला। पुलिस तंत्र को मजबूत बनाने के लिए एमबीसी की सौगात भी मिली। कामकाज में बांसवाड़ा पुलिस की प्रदेश स्तर पर ऊंची रैंकिंग ने गौरव के क्षण भी दिलाए।
चेन स्नेचरों और बाइक गिरोह रहे सक्रिय
दर्ज प्रकरणों की बात की जाए तो बांसवाड़ा में गत वर्षों के दरम्यान हत्या एवं हत्या के प्रयास की वारदातों में इजाफा हुआ है। वहीं डकैती जैसी गंभीर वारदातों का दो सालों से उन्मूलन सा हो गया है। वर्ष 2017 तथा 2018 में एक भी डकैती की वारदात नहीं हुई जबकि वर्ष 2016 में पांच वारदातें हुई थीं। चोरी की सबसे ज्यारा वारदातें बांसवाड़ा शहर में हुई है। जबकि लंबित वारदातें एक भी नहीं खुली है। इनके अलावा कुछ समय से बाइक चोर गिरोह भी सक्रिय है, लेकिन इस ओर पुलिस के बेहतर प्रयास नहीं रहे।
काउसलिंग से दुष्कर्म घटे
पुलिस अधीक्षक कालूराम रावत ने बताया कि काउंसलिंग से दुष्कर्म के प्रकरणों में इजाफा नहीं होने दिया गया है। पूर्व में दुष्कर्म के प्रकरणों को पुलिस सीधी दर्ज कर लेती थी, लेकिन अब पहले काउंसलिंग की जाती है। इसके बाद प्रकरण दर्ज किया जाता है। इससे इनमें वृद्धि नहीं हुई है। एसपी ने बताया कि लूट, चोरी एवं नकबजनी से प्रकरणों में पुलिस का चालान प्रतिशत एवं बरामदगी प्रतिशत बढ़ा है।
अपराध का ग्राफ नीचे आया
गत तीन वर्षो की अगर तुलना की जाए तो बांसवाड़ा में अपराध का ग्राफ घटा है। वर्ष 2016 में जिलेभर के विभिन्न थानों में कुल 2206 प्रकरण दर्ज हुए जबकि वर्ष 2017 में 2121 तथा इस साल वर्ष 2018 में नवंबर माह तक कुल 2067 ही प्रकरण दर्ज हुए हैं। जबकि इस साल कुल प्रकरणों में पुलिस चालान प्रतिशत भी 2016 के मुकाबले बढ़ा है।ं समाज सुधार के लिए होने वाली एक्ट कार्रवाईयों में इस बार काफी इजाफा हुआ है। इस बार वर्ष 2018 में कुल एक्ट की 1474 कार्रवाईयां हुई। जबकि वर्ष 2017 में 1417 तथा वर्ष 2016 में कुल 1432 ही कार्रवाईयां हुई।
Published on:
29 Dec 2018 02:22 pm
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