
पत्रिका न्यूज नेटवर्क/बांसवाड़ा। एक ओर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से देश में छह और आठ लेन की सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है, किंतु मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री बांसवाड़ा से वजवाना तक का सफर कर लें तो उन्हें भी एक बार इस सड़क को राष्ट्रीय राजमार्ग 927-ए कहने में शर्म आ जाए।
इसके बाद भी न प्रशासनिक अधिकारी हरकत में आ रहे हैं और न ही जन प्रतिनिधियों के मुंह से कोई बोल फूट रहे हैं। ऐसे में खस्ताहाल हुई सड़क पर आवागमन करने वाले वाहनधारी व आमजन स्वयं को बेबस अनुभव कर रहे हैँ। स्वरूपगंज से रतलाम तक के राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क निर्माण कार्य विभिन्न पैकेज में हो रहा है। इसके अन्तर्गत जिला मुख्यालय से सटे लोधा से लेकर कूपड़ा, शिवपुरा, गोरड़ी, सुंदनपुर, तलवाड़ा, कोहाला, सागेता तथा वजवाना तक की 18 किलोमीटर की सड़क भी बनी। साथ ही कूपड़ा में ओवर ब्रिज का निर्माण कराया गया। निर्माण कार्य पूरा होने के चंद दिनों बाद ही गुणवत्ता पर सवाल उठने शुरू हुए, जो अब तक अनवरत हैं।
कोई धणीधोरी नहीं: कूपड़ा के समीप से लेकर वजवाना तक की सड़क का वर्तमान में कोई धणीधोरी नहीं है। बारिश के पहले भी इस मार्ग पर गड्ढे थे और बारिश के बाद भी हालात जस के तस हैं। कूपड़ा से सुंदनपुर और तलवाड़ा के कुछ आगे से वजवाना तक की दूरी गड्ढों के बीच से होकर तय करनी पड़ रही है। इस मार्ग पर जगह-जगह गड्ढों के साथ ही कंकरीट फैली हुई है। कूपड़ा का ओवरब्रिज भी गड्ढों से भरा है और इस पर सफर करना असुरक्षित महसूस होता है।
हर बार उठता मुद्दा: जिला परिषद की साधारण सभा हो या दिशा समिति की बैठक, हर बार बांसवाड़ा से वजवाना तक की सड़क का मुद्दा सदस्य उठाते रहे हैं। कुछ देर तक अधिकारी से जवाब तलब करने, फटकार लगाने जैसी औपचारिकता पूरी कर पेचवर्क कराने के आश्वासन पर साधी जाने वाली चुप्पी का खमियाजा जनता भुगत रही है।
खानापूर्ति कर इतिश्री: वर्ष 2020 में इस सड़क का कार्य पूरा हुआ। इसके बाद से अब तक बीते तीन वर्षों में इस सड़क पर गड्ढों में पेचवर्क के नाम पर भी खानापूर्ति ही हो रही है। हालात इस कदर खराब है कि नजर चूकने पर हादसा होने की आशंका रहती है। ऐसे में अब आमजन भी कहने लगे हैं कि केंद्रीय मंत्री को इस सड़क पर सफर कराओ तो उन्हें भी शर्म आ जाएगी।
Published on:
02 Sept 2023 06:27 pm
बड़ी खबरें
View Allबांसवाड़ा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
