
बिजली कनेक्शन पर नया अपडेट
Electricity Connection New Update : बांसवाड़ा शहर में अपने आवास के निर्माण पर नए बिजली कनेक्शन के लिए उपभोक्ताओं को अजमेर डिस्कॉम में दोहरी माथापच्ची करनी पड़ रही है। पहले अस्थायी के नाम पर हजारों रुपए जमा कराने के बाद स्थायी कनेक्शन के लिए माथापच्ची के चलते असंतोष बढ़ रहा है। सूत्रों के अनुसार निर्माणाधीन मकान के लिए घरेलू कनेक्शन की मांग पर अस्थायी कनेक्शन देने का सिलसिला हाल ही शुरू किया गया है। इसमें आवेदन शुल्क के बाद बताई डिमांड जमा करवाने पर खर्च स्थायी के बराबर ही है, लेकिन यूनिट चार्ज डेढ़ गुना ज्यादा है। फिर उसी कनेक्शन को स्थायी कराने के लिए उपभोक्ता को दोबारा जद्दोजहद भारी पड़ रही है।
निगम का तर्क यह है कि पहले टेपरेरी और फिर परमानेंट कनेक्शन देने का आदेश नया नहीं है। नियम काफी पुराना है, लेकिन अमल नहीं किया जा रहा था। कुछ मामलों में जब यह सामने आया कि निर्माण स्थल घरेलू बताकर बाद में परिसर के स्वामी अंधेरे में रखते हुए उसे विस्तारित कर कॉमर्शियल बना रहे हैं, तो इससे निगम को नुकसान हुआ। इसे देखते हुए आदेश की पालना में सेवा प्रदाता सिक्योर मीटर ने आवेदन पर पहले टेपरेरी कनेक्शन देना शुरू कर दिया है।
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नए कनेक्शन पर आवेदन के साथ दस्तावेजी औपचारिकताओं जब एक जैसी है, तो दो बार कवायद बेमायने है। फिर जब नगर निकाय से ली निर्माण स्वीकृति की प्रति संलग्न की है, तो भवन किस लिए व कितना बनाया जा रहा है, स्पष्ट है। बाद में उपभोक्ता अघरेलू इस्तेमाल करे, लोड ज्यादा इस्तेमाल करे या निगम को नुकसान पहुंचाने की चतुराई करे तो नियमानुसार पैनल्टी वसूली जा सकती है, लेकिन ऐसा नहीं करके डिस्कॉम ने पुराने आदेश की आड़ में यह जुगत थोप दी है। दूसरी ओर, सिक्योर के कार्मिक भी ऊपर के आदेश की पालना में अपना रौब फील्ड में दिखाकर परेशान कर रहे हैं।
निगम के इस कदम के लोग खफा हैं। चूंकि फील्ड में सिक्योर के कर्मचारी पहुंच रहे हैं और वे इस विषय पर चर्चा करते ही लकीर के फकीर बनकर उपलभोक्ताओं से उलझ रहे हैं। इससे शिकायतें क्षेत्रीय पार्षदों तक पहुंच रही है। इसे लेकर पार्षद अशोक शर्मा, गीता यादव, सेवालाल कलाल, राजेश पटेल आदि प्रशासन से शिकायत कर असंतोष जता चुके हैं।
अजमेर डिस्कॉम अधिशासी अभियंता पीएस नायक ने बताया कि अंडर कंस्ट्रक्शन साइट पर टेपरेरी कनेक्शन देने का प्रावधान पहले से है। वह भी परिसर में बल्ली लगाकर मीटर लगाया जा रहा है, जिससे खुले में मवेशी तारों की चपेट में न आएं। उसी कनेक्शन को स्थायी कराने पर पूर्व में जमा सिक्योरिटी राशि रिफंड की जा रही है।
प्रभारी सिक्योर मीटर्स चिराग शर्मा का कहना है कि खाली भूखंड पर स्थायी नहीं देकर टेपरेरी कनेक्शन देने का नियम डिस्कॉम का है। सिक्योर का इसमें कुछ नहीं है। निर्माण पूरा कर लाइट फीटिंग का प्रमाण पत्र पेश करते ही टेपरेरी कनेक्शन को हाथों-हाथ परमामेंट में तब्दील कर रहे हैं।
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Published on:
17 Jun 2024 02:07 pm
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