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बांसवाड़ा जिले में 60 हजार से ज्यादा किसान होंगे लाभान्वित, करीब 135 करोड़ का कर्ज माफ होने के आसार

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बांसवाड़ा जिले में 60 हजार से ज्यादा किसान होंगे लाभान्वित, करीब 135 करोड़ का कर्ज माफ होने के आसार

बांसवाड़ा. मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक एवं पंजाब के बाद राजस्थान सरकार भी किसानों के कर्ज माफी की घोषणा करती है तो जिले में करीब 60 हजार 636 किसान लाभान्वित होंगे और इनका 134 करोड़ 55 लाख का ऋण माफ हो सकेगा। किसानों का यह बकाया ऋण 30 नवंबर 2018 तक का है। इनमें 95 प्रतिशत किसानों पर सहकारी बैंकों का अल्पकालीन फसली ऋण है। कॉमर्शियल, राष्ट्रीयकृत एवं निजी बैंकों का ऋण अलग है।

अल्पकालीन ऋण ज्यादा
सहकारी बैंक किसानों को लेम्प्स (प्राथमिक वृहद कृषि बहुउद्देशीय सहकारी समिति) के माध्यम से अल्पकालीन ऋण, मध्यकालीन ऋण एवं एनएफएस ऋण देते हैं। इसमें सबसे ज्यादा करीब 95 प्रतिशत किसानों का अल्पकालीन ऋण है, जो डेढ़ लाख तक दिया जाता है। यह ऋण किसान क्रेडिट कॉर्ड के माध्यम से देय है। जो एक साल की अवधि के लिए होता है। यह ऋण खरीफ में एक अप्रेल दिया जाता है और 31 मार्च तक जमा कराना होता है। रबी सीजन का ऋण एक सितंबर से 31 मार्च तक होता है। जो 30 जून तक जमा कराना होता है। जबकि मध्यकालीन ऋण तीन से पांच माह के लिए होता है।

बैंकों का सरकार पर 183 करोड़ बकाया
पूर्व में जब ऋण माफी की घोषणा हुई थी तो कुल 195 शिविरों का आयोजन किया गया। इसमें करीब एक लाख 9 हजार 485 किसान लाभार्थी थे। इसमें करीब 253 करोड़ का ऋण माफ किया गया। जबकि इन शिविरों के माध्यम से 28591 ऋण माफी प्रमाण पत्र वितरित हुए। इस तरह आज तक बांसवाड़ा सेट्रल कॉपरेटिव बैंक ने शीर्ष बैंक सहकारी बैंक को 238.80 करोड़ के क्लेम प्रस्तुत किए हैं। इसके बदले में सरकारी स्तर से बैंक को केवल 50 करोड़ रुपए ही प्राप्त हुए हैं। बैंक को करीब 183 करोड़ प्राप्त होना शेष है।

वसुंधरा ने बांसवाड़ा में की थी कर्ज माफी की घोषणा
प्रदेभर के किसानों के कर्ज माफी की घोषण पूर्व में वसुंधरा राजे ने यहां बांसवाड़ा स्थित कॉलेज मैदान से 31 मई 2018 को की थी। इस दिन तत्कालीन मुख्यमंत्री ने 10.63 लाख के कर्ज माफ किए थे। साथ ही 26 किसानों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए थे। इसके बाद जिलेभर में शिविरों का आयोजन किया गया, जिनमें जनप्रतिनिधियों ने खुद किसानों को प्रमाण पत्र दिए थे।

अभी तक नहीं मिली गाइड लाइन
उदयपुर. किसानों की कर्जमाफी का वादा कर प्रदेश की सत्ता में आई कांग्रेस सरकार अब कर्जमाफ करने की कवायद में जुट गई है। सहकारी एवं राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्ज तले दबे किसानों के बकाया ऋण की जानकारी मांगी है। सहकारिता विभाग इसी काम में लगा हुआ है, लेकिन यह कर्ज कैसे माफ होगा गाइड लाइन के अभाव में इस सवाल पर बैंक के अधिकारी-कर्मचारी भी असमंजस में है। उदयपुर-राजसमंद जिले की बात करें तो ड़ेढ लाख से ज्यादा किसानों पर करीब 1250 करोड़ का कर्जा है। इसमें सबसे ज्यादा राष्ट्रीयकृत बैंकों का 962 करोड़, जबकि सहकारिता बैंक में 239 करोड़ बकाया है। भूमि विकास बैंक से भी 46 करोड़ का कर्ज 4500 किसानों ने ले रखा है। लघु और सीमांत किसान असमंजस में: सरकार के वायदे के मुताबिक किसानों के सभी तरह के कर्ज माफ करने की घोषणा की गई थी, लेकिन स्पष्ट रूप से किसानों को अभी तक पता नहीं चल पाया कि आखिर कैसे और किस श्रेणी का ऋण माफ होगा। सबसे ज्यादा लघु, सीमांत और बड़ीजोत के किसान असमंजस में हैं, क्योंकि उन्होंने कृषि के अलावा अकृषि, मशीनरी अन्य ऋण भी ले रखे हैं।


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