
बांसवाड़ा. स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक के शहरों में प्रमुख मार्गों का नामकरण महापुरुषों के नाम पर करने के निर्देशों की पालना में शुक्रवार को बुलाई गई नगर परिषद की बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई। शहर के अधिकांश मार्गों के नाम तो तय हो गए, लेकिन एक तिराहे के नामकरण को लेकर उठा विवाद इतना बढ़ा कि कांगे्रस पार्षदों ने वॉकआउट कर दिया और परिषद भवन के बरामदे में ही बैठकर प्रदर्शन करते हुए सभापति व भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस विवाद को देखते हुए इस मामले को
इस पर हुआ विवाद
बैठक में हंगामे की शुरुआत तब हुई जब सभापति मंजूबाला पुरोहित, उपसभापति महावीर बोहरा आदि ने कलक्टरी भवन के पीछे से अंबेडकर सर्किल तक के तिराहे का नामकरण बांसवाड़ा में भाजपा के संस्थापक श्रीपतराय दवे के नाम पर करने की बात कही। इस पर कांगे्रस पार्षदों ने अपना पार्टी कार्यालय समीप होने पर इस तिराहे का नाम इंदिरा गांधी के नाम पर करने की मांग की। इस दौरान सभापति ने कहा कि जो बहुमत होगा, इस पर नाम रखेंगे। यह सुनकर कांगे्रस पार्षद अपनी सीटों से खड़े हो गए। उन्होंने इसे सत्तारूढ़ दल की मनमानी बताया और तेज स्वरों में विरोध करते हुए कहा कि बहुमत के आधार पर ही यदि निर्णय करने हैं तो बैठक क्यों बुलाई। इस दौरान काफी शोरशराबा होता रहा और कांगे्रस के कुछ पार्षद मंच पर चढ़ गए। तब मंच से यह भी कहा गया कि दवे के नाम पर तिराहे के नामकरण का सुझाव राज्यमंत्री धनसिंह रावत ने दिया है तो इसे माना जाए, लेकिन कांगे्रस पार्षदों ने एक नहीं सुनी। इस मामले में बाद में चौराहों पर चर्चा रोककर दोबारा मार्गों के नामकरण के सुझाव मांगे व निर्णय किए।
....और कर दिया वॉकआउट
मार्गों के नामकरण के बाद अंत में एक मात्र तिराहे को लेकर निर्णय करने की बात उठी तो इसका निर्णय बाद करने करने की बात सभापति ने की। इस पर कांगे्रस पार्षद पुन: विरोध करने लगे। इस दौरान उपसभापति ने कहा कि राज्यमंत्री से बात कर निर्णय करेंगे। पार्षद सीता डामोर, देवबाला, जाहिद अहमद, विमल भट्ट, अमजद खान आदि ने कहा कि ‘जब पं. दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर चौराहे का नामकरण कर रहे हैं तो इंदिरा गांधी के नाम पर क्यों आपत्ति है।’ बाद में सभी कांगे्रस पार्षद यह कहते हुए सदन से बाहर आकर बरामदे में बैठ गए कि बैठक में किए गए सभी निर्णयों पर हमारा विरोध है। इसके बाद उन्होंने बरामदे में सभापति, उप सभापति व भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
इस पर भी विवाद
बैठक में जीपीओ सर्किल से साईं मंदिर तक मार्ग का नामकरण पूर्व मुख्यमंत्री स्व. हरिदेव जोशी के नाम पर रखने को लेकर कांग्रेस पार्षद आशीष मेहता ने कहा कि वे पूर्व में ही पुलिस लाइन से खांदू कॉलोनी होते हुए सिंटेक्स गेट तक के मार्ग का नाम स्व. जोशी पर रखने और उनकी प्रतिमा स्थापना का प्रस्ताव रख चुके हैं तो उन्हीं के नाम पर दूसरे मार्ग का नामकरण क्यों किया जा रहा है। उन्होंने कॉलोनी के पांच पार्षद होने का हवाला दिया। उनकी खांदू कॉलोनी में नामकरण में प्रतिमा का उल्लेख नहीं करने पर आयुक्त से बहस हो गई। आयुक्त ने एजेंडे में मूर्ति स्थापना का उल्लेख नहीं होने का हवाला दिया। वहीं कांगे्रस के ही कुछ पार्षद खांदू कॉलोनी का नाम ही स्व. जोशी के नाम पर रखने की बात कहने लगे, जिनका पार्षद मेहता ने विरोध किया।
यह भी खास
- सभापति ने कहा कि वे बहू के रूप में इस शहर में आई तो कांगे्रस के तुफैल अहमद ने कहा कि आप बहू नहीं, शहर की मां हैं।
- निर्दलीय पार्षद राजेश माली ने रूपाली मोड से गल्र्स कॉलेज तक मार्ग का नाम सभापति ने नाम पर रखने की बात कही तो कांगे्रस पार्षदों ने भी इसकी हामी भरी।
- पार्षद भूपेंद्र ने मोदी के नाम पर भी मार्ग का नामकरण करने की बात कही तो कांगे्रस पार्षदों में हंसी का फव्वारा छूट पड़ा।
इनका कहना है
मामले में उप सभापति महावीर बोहरा का कहना रहा कि सभी मार्गों के नामकरण दोनों पक्षों की सहमति से हुए। एक तिराहे को लेकर सहमति नहीं बनने पर इसे स्थगित रखा है। इस बारे में आने वाले दिनों में चर्चा कर नामकरण कर लिया जाएगा।
Published on:
30 Dec 2017 12:46 pm
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