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वेद ईश्वर लिखित संविधान और ज्ञान के महासागर हैं- राज्यपाल मिश्र

locationबांसवाड़ाPublished: Oct 27, 2020 03:38:05 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

Vaid Vidhyapeeth Banswara : बांसवाड़ा में वेद विद्यापीठ – ‘सारस्वत’ वार्ता श्रृंखला का शुभारंभ

वेद ईश्वर लिखित संविधान और ज्ञान के महासागर हैं- राज्यपाल मिश्र

वेद ईश्वर लिखित संविधान और ज्ञान के महासागर हैं- राज्यपाल मिश्र

बांसवाड़ा. राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि वेद विद्यापीठ वागड़ के लिए वरदान से कम नहीं। गोविंद गुरु जनजातीय विश्व विद्यालय इसके लिए सही दिशा में प्रयासरत है। वेद विद्यापीठ को ऐसा स्वरूप दिया जाएगा, जो पूरे विश्व को अलौकित करेगा। राज्यपाल सोमवार को वेद विद्यापीठ के लोकार्पण वर्चुअल समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने वेद विद्यापीठ के सभी डिजीटल प्लेटफार्म और विद्वतजनों की वार्ता श्रृंखला ‘सारस्वतÓ का भी लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि पूरे भारत में अकेले बांसवाड़ा में ही ऋग्वेद की शांखायनी शाखा की ऋचाओं के सस्वर गान करने वाले ज्ञाता हैं। वेद विद्यापीठ की स्थापना से उनके संरक्षण और सामवेद मंत्रों की गायन परम्परा को सहेजे जाने का भी महत्वपूर्ण कार्य हो सकेगा। उन्होंने कहा कि वेद ईश्वर प्रदत्त ऐसा लिखित संविधान है, जिसमें सभी वर्गों के लिए जीवन जीने का सर्वोत्तम ढंग बताया गया है। राज्यपाल ने विद्यापीठ के शिलान्यास अथवा प्रारम्भ के अवसर पर आने का आश्वासन भी दिया।
धरोहर संरक्षण का भी कार्य
राज्यपाल ने कहा कि वेद विद्यापीठ के माध्यम से जनजाति समाज की वृक्ष, पूजा, प्रकृति और पर्यावरण प्रेम की अतीत की हमारी धरोहर को संरक्षित और सुरक्षित करने का कार्य भी विशेष रूप से होगा। वेद विद्यापीठ की स्थापना के अन्तर्गत उन्होंने सनातन भारतीय परम्पराओं को आधुनिक विकास के साथ सहेजने पर भी जोर दिया।
वेद मंत्रों से हुआ शुभारंभ
ऑनलाइन लोकार्पण समारोह में वेद विज्ञ प. इन्द्रशंकर झा एवं प. हर्षद राय नागर की ओर से वेद मंत्रों का सस्वर मंगलाचरण किया गया। जीजीटीयू के कुलपति प्रो. आई.वी. त्रिवेदी ने कहा कि बांसवाड़ा में वेद विद्यापीठ की स्थापना का लाभ डूंगरपुर, प्रतापगढ़, उदयपुर आदि जनजातीय क्षेत्रों को भी मिलेगा। उन्होंने बताया कि वेद विद्यापीठ विश्वविद्यालय का शोध एवं अकादमिक प्रकल्प है। इसके लिए शहर के निकट 25 बीघा भूमि आंवटित हो चुकी है तथा जल्द ही इस पर भवन निर्माण के लिए भी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने अब तक के प्रयासों और कामों की भी जानकारी दी।
अगले चरण में यह होगा
विद्यापीठ के सचिव डॉ. विशेष पंड्या ने बताया कि सारस्वत वार्ता श्रृंखला के प्रथम चरण में देश के विद्वानों की स्वीकृति मिली है और उनके द्वारा वेदों के गहन विषयो पर विमर्श होगा। इन सब व्याख्यानों का सीधा प्रसारण किया जाएगा। इस अवसर पर विद्यापीठ के निदेशक महीपाल सिंह राव, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार के कुलपति प्रो. रूप किशोर शास्त्री, श्रीवेंकटेश्वर वैदिक विश्वविद्यालय, तिरुपति के कुलपति प्रो. एस.सुदर्शन शर्मा, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय अथर्ववेद अधिष्ठाता प्रो. किशोर मिश्र, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के विभागाध्यक्ष संस्कृत प्रो. वीरेंद्र अलंकार, प्रो. वीरेन्द्रकुमार मिश्रा, प्रो. ओ. पी.पांडेय, प्रो. विनोद शास्त्री, प्रो.ओमप्रकाश पांडेय, एमएलएसयू के संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो. निरज शर्मा, आईएएस केके पाठक, रजिस्ट्रार गोविंद सिंह देवड़ा,प्रभारी अधिकारी(परीक्षा) डॉ. लक्ष्मणलाल परमार,अभिषेक जैन, अनिल उपाध्याय, अर्पण श्रीमाल, गौरव पण्ड्या,इंजीनियरिंग कॉलेज से मनीष आदि शामिल हुए। संचालन परीक्षा नियंत्रक डॉ. नरेंद्र पानेरी ने किया।
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