
बांसवाड़ा. मजदूरी बढ़ाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर बांसवाड़ा सिंटेक्स के श्रमिक मंगलवार को फिर विरोध प्रदर्शन के दौरान उग्र हो गए और उन्होंने पहले बीएफएल यूनिट और फिर दाहोद रोड पर सिंटेक्स मिल के मुख्य गेट के बाहर पथराव कर दिया, जिससे थाना प्रभारी और दो जवान तथा मिल के कुछ सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। पथराव को देख पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर श्रमिकों को खदेड़ा।
श्रमिकों से भरी बसें मैदान पर रोकी, नारेबीजी की
मंगलवार सुबह की शिफ्ट के श्रमिकों ने कार्य का बहिष्कार करते हुए मजदूरों से भरी बसों को कुशलबाग मैदान में खड़ा करवा दिया। इस तरह मैदान में करीब 400 से 500 मजदूर एकत्रित हो गए, जहां काफी देर तक नारेबाजी एवं शोर-शराबा करने के बाद श्रमिक ठीकरिया औद्योगिक क्षेत्र स्थित बांसवाड़ा सिंटेक्स की बीएफएल यूनिट पर पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। सूचना पर मौके पर पुलिस के साथ एमबीसी के जवान भी पहुंच गए। काफी देर हंगामा होने के बाद मिल के प्रेसीडेंट एवं वाइस प्रेसीडेंट से बात करने श्रमिकों का प्रतिनिधिमण्डल भीतर पहुंचा। जब भीतर वार्ता चल रही थी तभी बाहर प्रदर्शन कर रहे मजदूरों ने हंगामा किया। इस पर पुलिस ने जब उन्हें खदेड़ा तो श्रमिक पथराव पर उतर आए और मिल के पीछे की कॉलोनी में घुस गए।
फिर सिंटेक्स मिल पर पथराव
इसके बाद दुबार एकत्रित होकर श्रमिक दाहोद रोड स्थित सिंटेक्स मिल के मुख्यद्वार पर पहुंच गए और वहां धरना लगाकर बैठ गए। इससे मुख्य राजमार्ग जाम हो गया। मिल के मुख्यद्वार के बाहर खड़ी पुलिस ने श्रमिकों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन कुछ श्रमिकों ने पीछे से ताबड़तोड़ पथराव शुरू कर दिया। इससे पुलिस कर्मियों एवं वहां खड़े लोगों में अफरा तफरी मच गई। हर कोई पत्थरों से बचने के लिए दौड़ पड़ा।
ये हुए घायल
पथराव मेंं दो पत्थर सदर थाना प्रभारी मनीष चारण के सिर पर आकर लगे। इससे वे लहूलुहान हो गए। एक बड़ा पत्थर एमबीसी के जवान के पैर पर आकर लगा, जिससे उसका पैर फ्रेक्चर हो गया। पास में खड़ा कोतवाली थाने का कांस्टेबल भी पथराव में घायल हो गया। पथराव बढऩे लगा तो पुलिस एवं एमबीसी जवानों ने श्रमिकों को खदेडऩे के लिए हल्का बल प्रयोग किया। इस पर श्रमिक आस पास की कॉलोनियों तरफ भागे और इस दौरान भी उन्होंने पत्थर बरसाए।
उल्लेखनीय है कि श्रमिक पिछले तीन दिन से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार रात को भी उन्होंने बीएफएल यूनिट पर पथराव किया था। वे श्रमिकों की बसों को रोककर उन्हें मिल में जाने नहीं दे रहे। इसी को लेकर टकराव के हालात बने।
ये हैं श्रमिकों की मांगे
- मजूदरी बढ़ाया जाए।
- बोनस के लिए 240 के बजाय 220 हाजिरी रखी जाए।
- पीएल, सीएल 240 के बजाय 220 रखी जाए।
- कैंटीन के भोजन में सुधार किया जाए।
- सामान्य शिफ्ट में कार्यरत श्रमिकों को कंपनी की ओर से मिलने वाले ईनाम व इन्सेंटिव में शामिल किया जाए।
-दुर्घटना होने पर ईएसआई का आवेदन कंपनी की ओर से भरा जाए।
- दुर्घटना होने परश्रमिक की मजदूरी नहीं काटी जाए।
Published on:
31 Jan 2018 12:01 am
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