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Nag Panchami: यूपी के इस मंदिर में लगती है सांपों की अदालत, गुरु पूर्णिमा से नाग पंचमी तक लगता है मेला

Nag Panchami: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक ऐसा मंदिर है। जहां सांपों की अदालत लगती है। इसमें नाग देवता जहरीले सांपों को दिशा-निर्देश देते हैं। अगर आपको इसपर यकीन नहीं है तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है।

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Nag Panchami: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक ऐसा मंदिर है। जहां सांपों की अदालत लगती है। इसमें नाग देवता जहरीले सांपों को दिशा-निर्देश देते हैं। बाराबंकी जिला मुख्यालय से 6 किलोमीटर दूर बाराबंकी-हैदरगढ़ रोड पर मजीठा गांव स्थित है। नागदेवता का यह मंदिर मजीठा गांव में ही है। वैसे तो यहां श्रद्धालुओं का तांता हमेशा लगा रहता है, लेकिन सावन मास में नागपंचमी के दिन यहां सांपों की विशेष अदालत लगती है। इसमें नागदेवता जहरीले सांपों को श्रद्धालुओं को पीड़ा मुक्त करने का निर्देश देते हैं।

श्रवण मास की पंचमी को पूरे देश में नागपंचमी त्योहार मनाया जाता है। इस साल नाग पंचमी का त्योहार 2 अगस्त यानि मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन बाराबंकी जिले के मजीठा गांव में स्थित नाग देवता के मंदिर पर दिनभर भक्तों का तांता लगा रहता है। बाराबंकी जिला मुख्यालय से 6 किलोमीटर दूर मजीठा गांव के इस मंदिर में नाग देवता के दर्शन करने के लिए पूरे प्रदेश से लोग बाराबंकी पहुंचते हैं। ऐसी मान्येता है कि नागपंचमी के दिन इस मंदिर में जो भी भक्त श्रद्धा भक्ति से मन्नत मांगता है वह पूरी होती है। साथ ही जो लोग सांपो से परेशान हैं या जिन्हें सांपों से डर लगता है वे यहां दर्शन करके इस समस्या से मुक्ति पा जाते हैं।

Nag Panchami: सावन में शुक्ल पक्ष की पंचमी को लगता है मेला
सनातन धर्म में नाग पंचमी के त्योहार का विशेष महत्व है। ये त्योहार हर साल हिंदू कैलेंडर के पांचवें महीने श्रावण में शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन मनाया जाता है। आमतौर से तीज के दो दिन बाद पड़ने वाले इस त्योहार पर नाग देवता की पूजा की जाती है। मान्यता है कि नाग देवता की पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। इस दिन बहुत से लोग व्रत भी रखते हैं। इस दिन जरूरतमंद लोगों को दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन घर में मिट्टी से सर्प की मूर्ति बनाकर नाग देवता को फूल, मिठाई और दूध अर्पित करने की परंपरा है।

नाग पंचमी के दिन तो यहां आस-पास के जिलों से हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं। दूध और चावल से भरी मठिया चढ़ाकर मन्नतें मांगते हैं। मान्यता है कि जिनके घर में सांप आते हैं या जिन्हें सांपों से डर बना रहता है वे यहां मठिया चढ़ाकर उससे छुटकारा पा जाते हैं। यहां की मठिया ले जाकर लोग अपने घरों में रख देते हैं, जिससे घरों में कोई भी विषैला जीव-जन्तु नहीं आता।

Nag Panchami: मजीठा गांव में अक्सर निकलते हैं सांप
बाराबंकी के मजीठा गांव निवासी मायादेवी बताती हैं "मजीठा गांव में अधिकतर घरों में अक्सर सांप निकलते रहते हैं। वह इन घरों में निवास करते हैं, लेकिन वे न किसी को नुकसान पहुंचाते हैं और न ही इंसान ही उनको मारते हैं। यहां लोग सांपों को दूध पिलाते हैं, उनको देखते ही हाथ जोड़कर पूजा अर्चना करते हैं। नाग देवता भी उन्हें कभी कोई नुकसान नहीं पहुंचाते, बल्कि उनकी हर परेशानी दूर करते हैं। हर साल सावन में मंदिर में श्रद्धालुओं का जमावड़ा होता है। खासकर नाग पंचमी के दिन ये संख्या कई गुना हो जाती है।

नागपंचमी के दिन इस मंदिर में जो भी श्रद्धा भक्ति से मन्नत मांगता है, वह पूरी हो जाती है। साथ ही जो लोग सांपो से परेशान हैं या जिन्‍हें सांपों से डर लगता है, वे यहां दर्शन करके अपनी समस्‍याओं को दूर कर सकते हैं। यहां सभी तरह के जहरीले सांपों की अदालत भी लगती है और उनको नाग देवता दिशा-निर्देश भी देते हैं।"

Nag Panchami: बीमारियां हो जाती हैं दूर
स्थानीय निवासी युवक सुधीर बताते हैं कि वे बचपन से यहां रहते हैं और तरह-तरह के सांप देखते रहे हैं। यहां इंसानो और सांपों के बीच अटूट रिश्ता है। ऐसा कहा जाता है कि यदि इंसान अपने शरीर की किसी बीमारी से परेशान है तो केवल इस मंदिर पर मिट्टी की बनी छोटी-छोटी मठिया चढ़ा देने से उसकी परेशानी दूर हो जाती है। मंदिर में बाराबंकी के अलावा कई जिलों से श्रद्धालु आते हैं। साथ ही दूसरे राज्यों के लोग भी चमत्कारी नाग देवता मंदिर में दर्शन करने आते हैं। श्रद्धालुओं की ऐसी आस्था है कि मंदिर में स्थित मठ पर मिट्टी की भुड़कियां चढ़ाने के बाद इनको घरों में रखने से न तो घर के अंदर सांप आएंगे और न ही जहरीले जीव जंतु ही आएंगे।