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अयोध्या हाइवे: 487 सड़क हादसों में 300 लोगों की मृत्यु, फिर भी अंजान सरकार और खामोश हैं जिम्मेदार अधिकारी

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में बस, ट्रक, मैजिक और बोलेरो से हुए बड़े हादसों का बेहद दर्दनाक और कड़वा इतिहास रहा है। लखनऊ-अयोध्या राष्ट्रीय राजमार्ग हो या किसान पथ। एक-एक हादसे में 15 से 20 लोगों की जानें गईं हैं। जिले में अब तक 487 सड़क हादसों में लगभग 300 लोगों की मौत हुई तो इससे ज्यादा घायल हुए हैं। इसका समाधान करने का बहुत प्रयास किया लेकिन फाइलों में ही सिमट कर रह गया। यही वजह है कि बाराबंकी जिले में दिन पर दिन हादसे बढ़ते जा रहे हैं। इसके अलावा हाईवे पर चेकिंग के नाम पर खानापूर्ति, एनएचआइ की पेट्रोलिंग न होना, डबल डेकर बसों में दो चालक का न होना, हादसों वाली जगहों को चिन्हित कर ब्लैकस्पाट, गलत कटे हुए डिवाइडर इसके बड़े कारण हैं। लेकिन अब तक सरकार अंजान और अधिकारी खामोश।  

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File Photo of Road Accident in Barabaki

File Photo of Road Accident in Barabaki

सुप्रीम कोर्ट और मुख्यमंत्री द्वारा हादसों में कमी लाने के लिए दिए गए आदेश पर यातायात निदेशालय ने जो रिपोर्ट दी थी उसमें राष्ट्रीय राजमार्ग 28 पर 15 फीसदी सड़क हादसे बढ़ने की जानकारी दी थी। रिपोर्ट के मुताबिक जिले में अब तक 487 सड़क हादसों में लगभग 300 लोगों की मौत हुई तो इससे कहीं ज्यादा घायल हुए। इसमें अकेले एनएच-28 की बात करें तो लखनऊ से अयोध्या की सीमा तक एक साल में करीब डेढ़ सौ सड़क दुर्घटनाएं हुईं हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, गोल्डेन ब्लाशम से मोहम्मदुपर चौकी तक छह, सफेदाबाद से चौपुला तक 33, सागर इंस्टीट्यूट तक 18, लक्षबर बजहा से सफदरगंज चौराहा तक 29 और सफदरगंज पल्हरी से रामसनेहीघाट तक 63 सड़क हादसे हुए।

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इस साल के कुछ बड़े हादसों की अगर बात करें तो उनमें अभी हालही में 28 सितंबर को कोटवा सड़क पर हुई ट्रक और ट्रैक्टर ट्राली की टक्कर, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई। जबकि तीन दर्जन यात्री घायल हुए। इससे पहले रामनगर के महंगूपुर में 3 सितंबर को डबल डेकर और ट्रक की टक्कर में चार की दर्दनाक मौत, जबकि दो दर्जन यात्री गंभीर घायल हुए। इससे पहले रामनगर के ही बिंदौरा गांव के पास को ट्रक की चपेट में आने से बाइक सवाल पांच लोगों की मौत हो गई थी।

सबसे तेज एक्सप्रेस वे पर बीच में सैकड़ो गाँव

पिछले साल हुए हादसों में 28 जुलाई, 2021 को आधी रात में कोतवाली रामसनेहीघाट के बाराबंकी और अयोध्या सीमा पर स्थिति कल्याणी नदी के पुल पर हरियाणा से बिहार जा रही बल डेकर एसी बस का एक्सेल टूट गया था। खड़ी बस में पीछे से तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी थी, जिसमें 18 लोगों की मौत व एक दर्जन से अधिक घायल हुए थे। 15 फरवरी, 2021 को कोटवासड़क में बस और ट्रक की भिडंत से एक की मौत, एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए। 19 अक्टूबर, 2021 मोहम्मदपुर में रोडवेज बस की टक्कर से सड़क के किनारे एक शख्स की मौत, 24 अप्रैल को राष्ट्रीय राजमार्ग के बैसन पुरवा गांव के पास तीन बसें आपस में टकरा गई थीं। इसमें दो लोगों की मौके पर मौत और लगभग सात लोग घायल हुए थे।

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22 सिंतबर, 2021 को लखनऊ हाईवे पर अयोध्या से बाराबंकी जिले की सीमा में प्रवेश करते ही नारायण रेस्टोरेंट के पास भोर लगभग दो बजे पंजाब के लिए जा रही बस को बैक करते समय पीछे से अज्ञात वाहन की टक्कर हो गई। हादसे में दो व्यक्तियों की मौके पर मौत हो गई और पांच गंभीर रूप से घायल हुए थे। 20 नवंबर, 2019 को लखनऊ-महमूदाबाद मार्ग पर बड्डूपुर थाना क्षेत्र के बाबा त्यागी दास कुटी के पास देर रात बस और बोलेरो की टक्कर में पांच लोगों की मौत हो गई थी। बोलेरो सवार सभी पांचों मृतक सीतापुर के निवासी थे।

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लखनऊ से करीब 113 किमी की लंबे किसान पथ (रिंग रोड) का निर्माण हुआ था। ग्राम पंचायत बबुरिहा निकट माती के पास सात अक्टूबर 2021 की सुबह दिल्ली से आ रही डबल डेकर बस और गलत दिशा से आ रहे ट्रक के बीच जबरदस्त टक्कर हो गई थी। 26 घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। 15 यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई। एक महीने के अंतराल में घायलों में चार और लोगों की मौतें हुई थीं।

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वहीं इस संबंध में बाराबंकी के अपर पुलिस अधीक्षक पूर्णेंदु सिंह ने बताया कि जनपद से 6 नेशनल बाईवे और 2 स्टेट हाईवे गुजरते हैं। इसके अलावा राजधानी लखनऊ से सीमावर्ती जिला होने के चलते बाराबंकी जिले में यातायात का दवाब काफी ज्यादा रहता है। इसी के चलते यहां पर हादसे भी काफी बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि ट्रैक्टर-ट्रालियों के चालान, अवैध पार्किंग, अतिक्रमण, अनफिट वाहन, अवैध परमिट, सड़कों पर बेसहारा पशु, ओवर स्पीड, ओवर स्पीडिंग, नशे की हालत में चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रहा है। इसके अलावा दुर्घटना बाहुल्य स्थान चिह्नित कर वहां पर बरतने वाली सतर्कता की रिपोर्ट एसपी ने डीएम को भेजी गई है।