scriptHaji Waris Ali Shah Dargah Deva Sharif Barabanki | देवा शरीफ जहां मुसलमान भी खेलते हैं होली और जलाते हैं दिवाली के दीये | Patrika News

देवा शरीफ जहां मुसलमान भी खेलते हैं होली और जलाते हैं दिवाली के दीये

locationबाराबंकीPublished: Sep 03, 2019 07:07:39 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

- बाराबंकी के देवा शरीफ की मजार पर आकर आपकी रूह को सुकून मिलेगा
- एकता और भाईचारे की मिसाल है सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की दरगाह
- दरगाह पर हिंदूू-मुस्लिम सहित सभी धर्मों के लोग माथा टेकने पहुंचते हैं

dewa sharif majar
देवा शरीफ जहां आकर मिलता है रूह को सुकून
बाराबंकी. देवा शरीफ मजार (Deva Sharif Majar) पर सौहार्द की चादर तले लोबान की खुशबू आपके तन मन को सुकून देने के साथ नई ताजगी देती है। यहां ‘जो रब है वही राम है’ का संदेश देने वाले सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की दरगाह एकता और भाईचारे की मिसाल है। उनके सौहार्द के संदेश विश्वभर में लोकप्रिय हैं। संदेशों की तरह सूफी संत की ख्याति भी है। दरगाह पर हिंदूू-मुस्लिम सहित सभी धर्मों के लोग माथा टेकने पहुंचते हैं। कार्तिक मास में उनके पिता कुर्बान अली की याद में लगने वाले मेले में देश-दुनिया से जायरीन पहुंचते हैं। इसके अलावा सफर माह, चैत मेला और हर माह के अंतिम गुरुवार को उनकी दरगाह पर नौचंदी में काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं। यहां मुसलमान होली भी खेलते हैं और दिवाली के दीये भी जलाते हैं।
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