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सबका साथ-सबका विकास के नारे की जमीनी हकीकत, धर्म के नाम पर बंटी सफाई व्यवस्था

बाराबंकी में सफाई और स्वच्छता के नाम पर भी लोगों को अलग अलग धर्मों में बांट दिया गया है।

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Nagar Palika and Nagar Panchayat Swachata Abhiyan in Barabanki News

सबका साथ-सबका विकास के नारे की जमीनी हकीकत, धर्म के नाम पर बंटी सफाई व्यवस्था

बाराबंकी. भाजपा सरकार का नारा है सबका साथ सबका विकास। यदि हम इस नारे का मतलब निकालें तो यही समझ में आता है कि देश में रहने वाले सभी धर्म और जातियों के लोगों का साथ और उनका विकास। इसी नारे के दम पर केंद्र में मोदी सरकार और यूपी में योगी सरकार ने प्रचंड बहुमत से सत्ता हासिल की है, लेकिन क्या वाकई में सरकार अपने इस नारे पर अमल कर रही हैं।

धर्म के आधार पर बंटा अभियान

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी स्वच्छ्ता अभियान के चलते झाड़ू लेकर सड़कों और ऑफिसों की सफाई पर विशेष ध्यान दे रही है और लोगों को जागरूक करने के लिए कैम्पेन कर रही है। सरकारी विभागों को भी साफ सफाई के विशेष निर्देश दिए गए लेकिन क्या यह सारे निर्देश सिर्फ एक वर्ग या जाति के लिए हैं। क्या सफाई और स्वच्छता की जरूरत सिर्फ एक वर्ग को ही है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि बाराबंकी में सफाई और स्वच्छता के नाम पर भी लोगों को अलग अलग धर्मों में बांट दिया गया है।

मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों के साथ सौतेला व्यवहार

यहां नगर पालिका परिषद का क्षेत्र हो या फिर नगर पंचायत का क्षेत्र सभी जगह हिन्दू बाहुल्य क्षेत्रों में तो सफाई कर्मी कूड़ा करकट, नाली की सफाई और गंदगी साफ करते हैं। लेकिन वहीं दूसरी तरफ इसके ठीक विपरीत मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कुछ दूसरा ही नजारा देखने को मिलता है। यहां के हालात बद से बदतर हैंं। नालियां गंदगी और कीचड़ से बजबजा रहीं हैं। सड़कों और मोहल्लों में कूड़े के ढेर पड़े हैं। यहां न तो सफाई कर्मी आते हैं और न ही नगर पालिका परिषद का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी। जिसकी वजह से शहर के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में गंदगी व कूड़े का अम्बार लगा हुआ है। लेकिन कोई भी इसकी सुध लेने वाला नहीं है।

क्यों हो रहा भेदभाव?

खुद नगर पालिका के चेयरमैन रंजीत बहादुर श्रीवास्तव अपने चार्ज छोड़ने का बहाना बना रहे हैं। लेकिन कोई चेयरमैन साहब से पूछे कि साहब आपने अगर 5 सालों में इस विशेष वर्ग बाहुल्य क्षेत्रों में सफाई करवाई होती तो यह गंदगी व कूड़े का अम्बार क्यों लगा होता। अब वजह कुछ भी हो लेकिन नगर पालिका और सरकार द्वारा अगर इसी तरह से सफाई और स्वच्छ्ता अभियान को भी धर्मों के आधार पर बांटा जाएगा तो भाजपा का सबका साथ, सबका विकास का नारा सिर्फ एक जुमला बनकर ही रह जाएगा।