
nasiruddin Shah in Barabanki
लगभग चार साल पहले अचानक नसीरुद्दीन शाह खुद अपनी पत्नी के साथ अपने पैदायशी मकान में आ पहुंचे। तब उनके इस बचपन के घर का मालूम हुआ। उनके मकान में रहने वाले मो. युनुस बताते हैं कि नसीरुद्दीन के आने के बाद इस खंडहरनुमा कोठी को नई पहचान मिल गई है। अब यहां आते ही लोग कहते हैं कि यह नसीरुद्दीन शाह का मकान है। बताते चलें कि छह दशक पहले नसीरुद्दीन शाह का जन्म 20 जुलाई 1950 को यूपी के बाराबंकी शहर के घोसियाना मोहल्ला में हुआ। इसकी जानकारी शहर के बाशिंदों को तब हुई जब वह अपनी पैदाइश के करीब छह दशक बाद अचानक अपनी पत्नी के साथ अपनी जन्मस्थली बाराबंकी के घोसियाना मोहल्ले में एक खंडहरनुमा कोठी पहुंचे।इस दौरान इस अभिनेता ने अपनी पत्नी के साथ अपने बचपन की पुरानी बातों को साझा किया ।
नसीरुद्दीन शाह के साथ -साथ उनकी यह जन्मस्थली भी समय के साथ -साथ अब बूढी होकर खण्डहर नुमा ईमारत बन चुकी है । आज के समय में इस खंडरनुमा ईमारत पर एक मेडिकल स्टोर चलाने वाले मोहम्मद युनुस का मालिकाना हक़ है. पचास के दशक में जब ये खंडरनुमा ईमारत राजा जहाँगीराबाद की आलिशान कोठी हुआ करती थी और राजा जहाँगीराबाद की इस आलिशान कोठी में सेना के एक अधिकारी इमामुद्दीन शाह का परिवार रहा करता था. बीस जुलाई उन्नीस सौ पचास को इमामुद्दीन शाह के घर एक बेटा पैदा हुआ जिसने इसी कोठी के सहन में लड़खड़ा लड़खड़ा कर चलना सीखा और जब ये बच्चा तीन चार साल का ही था तभी इमामुद्दीन शाह का तबादला हो गया और उनका परिवार यहाँ से चला गया ।
फिर लगभग छह दशक बाद जब यही नन्हा मुन्ना बच्चा इस कोठी में आया तो वो आलिशान कोठी तो खंडरनुमा ईमारत में तब्दील हो कर गुमनामी के अंधेरो में खो चुकी थी लेकिन वो नन्हा मुन्ना बच्चा हिंदी फिल्म जगत का मशहूर अदाकार नसीरुद्दीन शाह बन चुका था लेकिन शोहरत की बुलंदियों को छूने के बाद भी नसीरुद्दीन शाह अपनी जन्मस्थली को नहीं भूले और उसे तलाशने की जुस्तुजू करते रहे.
एक लम्बे अरसे बाद जब नसीरुद्दीन शाह यहाँ पहुचे तो सब कुछ बदल चुका था और वो आलिशान कोठी जो कभी उनकी किलकारियों से गूंजा करती थी अपने बदहाली के दौर से गुज़र रही थी कोठी का काफी हिस्सा गिर चुका था लेकिन नसीरुद्दीन अपनी जन्मस्थली के बचे हुए हिस्से में ऐसा खोये जैसे उनके बचपन की यादे निकल कर उनके सामने आ गयी हो ! नसीरुद्दीन शाह ने कोठी के एक कमरे की तरफ इशारा किया की शायद मैं इसी कमरे में पैदा हुआ था और उस कमरे के सामने खड़े होकर फोटो खिचाया !
गुमनाम ईमारत को एक नयी पहचान मिल चुकी
नसीरुद्दीन शाह के आने के साथ ही इस गुमनाम ईमारत को एक नयी पहचान मिल चुकी है इस कोठी और नसीरुद्दीन शाह के रिश्ते का पता चलने के बाद इस कोठी के मौजूदा मालिक मोहम्मद युनुस और उनका परिवार भी काफी खुश है ! मोहम्मद युनुस ने बताया कि "कुछ दिनों पहले उनके पास एक फोन आया और फोन करने वाले ने उनसे कहा की नसीरुद्दीन शाह साहब आपके मकान में सन उन्नीस सौ पचास में पैदा हुए थे और वो अपनी ज़ाये पैदाइश को देखना चाहते है ***** मोहम्मद युनुस को लगा कि किसी ने मज़ाक किया होगा और बात आयी गयी हो गयी लेकिन अचानक एक दिन फोन आया और फोन करने वाले ने खुद को नसीरुद्दीन शाह बताते हुए कहा कि मैं रास्ते में हूँ और एक आध घन्टे में आ रहा हूँ अगर आपको कोई ऐतराज़ न हो तो मैं अपनी पैदाइश की जगह आना चाहता हूँ फिर अचानक वो आ गए, हम ये सोच रहे थे की हो सकता है की कोई गलत मैसेज मिला हो बहरहाल वो खुद आये और ये हम लोगो की खुशनसीबी है की इतना बड़ा अदाकार जो हिन्दुस्तान ही नहीं पूरी दुनिया में आर्ट फिल्मो और कामर्शियल फिल्मो का बेताज बादशाह है और वो हमारे सामने बिलकुल एक दो फिट की दूरी पर खडा था तो एक ताज्जुब तो हुआ और आज भी वो एक अजीब सा महसूस होता है एक ख्वाब सा लगता है सोचा भी नहीं था की वो शायद यहाँ आयेंगे । मोहम्मद यूनुस के लिए यह सब किसी सपने से कम नहीं था ।
Published on:
20 Jul 2022 12:06 am
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