
जिले में कोरोना की बाढ़, मगर आम नागरिक लापरवाह
बाराबंकी. बाराबंकी में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन जनपद का आम नागरिक पूरी तरह से लापरवाह है। जो एक बड़े खतरे का संकेत है। जनता इसे किस रूप में देखती है और वह कोरोना से कितना सजग है यह देखने के लिए जिले के मुख्य बाजार का नजारा देखा गया। यहां का नजारा देख कर ही किसी बड़े खतरे का अंदाजा लगाया जा सकता है।
नागरिकों की लापरवाही का यह नजारा बाराबंकी की मुख्य बाजार का है। जहां की भीड़ भाड़ किसी आम दिन की तरह ही है। यहां की दुकानों पर किसी प्रकार की सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन ही नहीं किया जा रहा। लोग लापरवाह होकर दुकानों पर खरीददारी कर रहे हैं। मास्क या मास्क का विकल्प तो लोगों ने गले में डाल रखा है। मगर उसका उपयोग नहीं कर रहे। प्रशासन ने चार पहिया वाहन पर ड्राइवर समेत तीन लोगों के जाने की अनुमति दे रखी है और दो पहिया वाहन पर सिर्फ एक व्यक्ति के बैठने की अनुमति दे रखी है। मगर किसी भी दो पहिया वाहन पर दो या तीन व्यक्ति एक साथ चलते देखे जा सकते हैंं। मास्क न लगाने का भी अजीब तर्क यह लोग देते दिखाई देते हैं।
सड़कों पर उतरी भारी भीड़ के सम्बन्ध में जब किसी दुकानदार से पूंछा जाता है तो वह अपनी सफाई देते हुए कहता है कि वह तो सावधानी बरत रहें हैं। मगर लोग सोशल डिस्टेन्सिंग या कोरोना से बचाव के लिए अन्य उपायों का पालन नहीं कर रहे। कुछ व्यापारी तो यह तक कहते हैं कि इस बाजार को तुरन्त बन्द कर देना चाहिए। यहां लोग मान नहीं रहे हैं। कैमरा देख कर ही लोग अपना सैनेटाइजर दिखाने लगते हैं। जैसे कोरोना के सबसे बड़े योद्धा वही हैं।
आदर्श व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष राजीव गुप्ता बब्बी ने बताया कि जिला प्रशासन के आदेश पर शहर में दुकाने खोली गयी हैं और कुछ दिन पहले जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने व्यापर मंडल से सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन कराने का सहयोग मांगा था और इसके लिए उनके द्वारा पर्चे बांटे भी गए थे। लेकिन ग्रामीण इलाकों से कुछ ग्राहक ऐसे आते हैं जिनसे अलग खड़ा होने के लिए कहा जाता है या मास्क पहन कर आने के लिए कहा जाता है तो वह लोग बुरा मान जाते हैं। यही कारण है कि सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन दुकानदार नहीं करवा पा रहे हैं।
Updated on:
17 May 2020 03:54 pm
Published on:
17 May 2020 03:52 pm
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