बाराबंकी. उत्तर प्रदेश के कैराना समेत चार लोकसभा और नूरपुर समेत 10 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को ज्यादातर जगहों पर करारी हार का सामना करना पड़ा है। समाजवादी पार्टी ने नूरपुर विधानसभा सीट बीजेपी से छीन ली है, तो कैराना में आरजेडी उम्मीदवार तब्बसुम हसन ने जीत हासिल की है। बीजेपी की इस हार पर अखिलेश यादव ने ट्वीट करके बीजेपी पर निशाना साधा है। जिसके जवाब में उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस हार को बीजेपी के लिए गंभीर बताया है। उनका कहना है कि पार्टी आलाकमान को अब बैठकर हार के कारणों पर मंथन करने की जरूरत है।
भाजपा को मंथन करने की है जरूरत-
कैराना और नूरपुर उपचुनाव में भाजपा को करारी शिकस्त मिलने के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रिय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ताबड़तोड़ ट्वीट करके बीजेपी पर करारा वार किया। इसका जवाब देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने माना कि बीजेपी को अब इस हार से सबक लेना चाहिए। यह हार BJP के लिए काफी गंभीर है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि पार्टी आलाकमान को बैठकर उपचुनाव में हुई हार के कारणों पर मंथन करना चाहिए और जो कमियां रही हैं उनको तत्काल दूर करने का प्रयास करना चाहिए। हालांकि स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह भी कहा कि एक-दो चुनाव में हार से विपक्ष गलतफहमी न पाले, बीजेपी जल्द वापसी करेगी।
अखिलेश के ट्वीट का दिया जवाब-
अखिलेश के ट्वीट पर जवाब देते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह उपचुनाव था और इनका असर बहुत ज्यादा नहीं होता है। इसलिए इस चुनाव को आम चुनाव के नजरिए से देखना गलत होगा। मौर्य ने कहा कि कैराना लोकसभा में लगभग छह लाख और नूरपुर विधानसभा में लगभग एक लाख 30 हजार अल्पसंख्यकों के वोटर हैं। इसलिए यह परिणाम बीजेपी के लिए स्वाभाविक है। इसके अलावा गठबंधन में सारी पार्टियों ने एक होकर बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ा है। जिसके चलते विपक्ष ने हमें शिकस्त देने में कामयाबी जरूर पाई है, लेकिन यह भानुमती का पिटारा बहुत दिन तक चलने वाला नहीं है।
वहीं जब स्वामी प्रसाद मौर्य से ये पूछा गया कि केंद्र और राज्य सरकार आम नागरिक के लिए इतनी योजनाएं चला रही है, तो क्या उसका फायदा उसे नहीं मिल रहा है। इस पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि सभी योजनाओं का लाभ प्रत्येक नागरिक को मिल रहा है। इसके बावजूद भी अगर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ रहा है तो निश्चित तौर पर यह एक गंभीर विषय है और पार्टी को इस पर विचार करना पड़ेगा।