
सरकार लाख कर ले कोशिश, लेकिन इन शिक्षकों ने चौपट कर रखी है पूरी व्यवस्था
बाराबंकी. एक तरफ शिक्षा विभाग में नियुक्ति को लेकर मारा-मारी चल रही है। सरकार अपने वार्षिक बजट का एक बड़ा हिस्सा शिक्षा पर खर्च कर रही है। ड्रेस, जूते, मोजे, किताबें और यहां तक कि दोपहर का खाना भी सरकार मुफ्त में देकर शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने का प्रयास कर रही है। व्यवस्था सुधार का दावा सत्ताधारी पार्टियां अपने-अपने समय पर खूब करती भी हैं। मगर धरातल पर इस सुधार की हकीकत अंधेर नगरी चौपट राजा ही दिखाई देता है। अब ऐसे में सवाल ये है कि शिक्षा की इस दुर्दशा के लिए पढ़ने वाले बच्चे दोषी हैं, अध्यापक दोषी हैं या फिर सरकारों की उदासीनता इसके लिए दोषी है। वहीं बाराबंकी के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने पूरे मामले को संज्ञान लेते हुए कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है।
पूर्व माध्यमिक विद्यालय सरोहा
शिक्षा की दुर्दशा का मामला सामने आया है बाराबंकी से। जहां बनीकोडर ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय सरोहा में विभाग ने तीन अध्यापकों की तैनाती कर रखी है। मगर यह तीनों शिक्षक पढ़ाने के लिए आते ही नहीं। इनके स्थान पर यहां एक इस शिक्षक हमें मिला जो विभाग द्वारा नहीं बल्कि इन शिक्षकों ने अपनी सुविधा के लिए फर्जी रूप से तैनात कर रखा है। इस विद्यालय का हाल यह है कि यहां पर तैनात तीन शिक्षकों अरविन्द कुमार शर्मा, विनीता और अर्चना त्रिवेदी में से दो शिक्षक अरविंद शर्मा और अर्चना त्रिवेदी तो कभी-कभी स्कूल आ भी जाते हैं, मगर एक शिक्षक विनीता यहां कभी भी नहीं आतीं, लेकिन यह वेतन हमेशा समय से लेती हैं।
पूर्व माध्यमिक विद्यालय सरवन तिखता
वहीं बनीकोडर ब्लॉक के ही पूर्व माध्यमिक विद्यालय सरवन तिखता में शिक्षक के रूप में पति और पत्नी की तैनाती एक साथ है, जो राजधानी लखनऊ से आते हैं। यहां भी पति रिजवान तो मौके पर मिले, मगर पत्नी खान शबाना पढ़ाने के लिए न आकर घर संभालने का ही काम कर रही हैं। लेकिन अपना वेतन लेना कभी नहीं भूलतीं। लोगों ने बताया कि खान शबाना यहां आती ही नहीं हैं।
प्राथिमक विद्यालय अनारपट्टी टिकुरी
इसी ब्लाक के प्राथिमक विद्यालय अनारपट्टी टिकुरी में एक शिक्षा मित्र पढ़ाते हुए जरूर मिले। यह देखकर बड़ा सन्तोष हुआ। मगर यह देखकर और हैरानी हुई कि यह महानुभाव जिन कक्षाओं में पढ़ाते हैं उन कक्षाओं की संख्या की स्पेलिंग तक उन्हें नहीं मालूम है। अब ऐसे गुरु कैसे शिष्य बनाएंगे, उन्हें कितना आगे बढ़ाएंगे, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
प्राथमिक विद्यालय सरवन टिखता
बनीकोडर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय सरवन टिखता में काफी दिनों से बच्चों का दोपहर का खाना नहीं बना है। यहां का शौचालय बंद पड़ा है। यहां पर तैनात शिक्षक सन्दीप कुमार और गौहर मुनीर गायब तो हैं ही, पता करने पर यह भी पता चला कि यह दोनों शिक्षक पढ़ाने के लिए कभी आते ही नहीं। यहां पर शिक्षण कार्य को सम्पादित करने वाले इन्द्रजीत और सूर्या लाल उपस्थित थे। मगर यह कैसी शिक्षा देंगे जिन्हें अपने ही बेसिक शिक्षा अधिकारी का नाम नहीं मालूम।
प्राथमिक विद्यालय मझौटी
वहीं प्राथमिक विद्यालय मझौटी में दो शिक्षक रामराज और सुधा यादव बच्चों को पढ़ाते मिले। इनसे जब पूंछा गया तो उन्होंने बताया कि वह पांचवी क्लास तक के बच्चों को शिक्षा देने का काम करते हैं। लेकिन जब इनसे Fifth की स्पेलिंग पूछी गई तो गुरु जी के होश उड़ गए। सकपकाते हुए स्पेलिंग बतायी भी, तो वह भी गलत।
होगी सख्त कार्रवाई
वहीं जब इन सभी मामलों पर बाराबंकी के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी पी.एन. सिंह से बात की गई तो उन्होंने उपरोक्त सभी मामलों की जांच करवाकर कार्रवाई करने की बात कही है। कुल मिलाकर हम ये कह सकते हैं कि इन शिक्षकों की कार्यशैली पूरे शिक्षा विभाग को कलंकित कर रही है। शिक्षा मित्र रूपी शिक्षक अपने समायोजन के लिए पूरे प्रदेश को आतंकित कर रहे हैं, मगर वह समायोजित होकर भी कैसी शिक्षा देंगे यह इस रिपोर्ट से साफ है। क्योंकि यहां शिक्षामित्र क्या पारंगत शिक्षक भी अपनी गुरुघंटाली से बाज नहीं आ रहे।
Updated on:
25 Sept 2017 02:37 pm
Published on:
25 Sept 2017 01:59 pm
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