
Room of the damaged lab behind the Government Senior Secondary School building on Kota Road in Baran. Photo: Patrika
Baran School Lab Room Collapsed : झालावाड़ जिले में स्कूल की छत गिरने की घटना के बाद यह सिलसिला बंद नहीं हो रहा है। रोजाना स्कूल हादसे को लेकर कोई न कोई सूचना सामने आ रही है। बारां में आज सुबह कोटा रोड स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भवन के पीछे स्थित लैब का कमरा अचानक क्षतिग्रस्त हो गया। प्रथम तल पर बने लैब के एक कमरे की दीवार का कुछ हिस्सा और छत की कुछ पट्टियां गिरी है। अचानक इस बड़ी दुर्घटना के बाद शिक्षक और कर्मचारी सभी हतप्रभ हो गए। पर बड़ी बात यह रही कि कोई भी इस दुर्घटना में हताहत नहीं हुआ। सभी ने चैन की सांस ली।
बारां में लगातार हो रही बरसात के चलते जिले समेत शहर में भी स्कूल भवनों के गिरने की घटनाएं घटित हो रही है। आज सुबह करीब 9.30 बजे कोटा रोड स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भवन के पीछे स्थित लैब का कमरा क्षतिग्रस्त हो गया। प्रथम तल पर स्थित लैब कक्ष के अचानक क्षतिग्रस्त होने से स्कूल में हड़कंप मच गया। गनीमत यह रही कि उसे समय कमरे में कोई नहीं था, छुट्टियों के चलते लैब प्रभारी भी कमरे में नहीं बैठे थे, वह भी नीचे कोई काम से मौजूद थे।
घटना के बाद मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी, जर्जर भवन को लेकर दो दिन पूर्व ही राजस्थान पत्रिका में इसी स्कूल को लेकर किए थे समाचार प्रकाशित। वर्ष 1915 का बना हुआ यह भवन कई जगह से जर्जर हो चुका है। यहां तक की मध्य में स्थित हॉल को इसी कारण से चारों तरफ से बंद किया हुआ है। आजादी के बाद से इसमें स्कूल संचालित रहा। लेकिन मरम्मत के नाम पर कुछ भी नहीं किया गया।
यूं तो बारां जिले में प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक कुल 1230 सरकारी स्कूल मौजूद हैं। इसमें प्राथमिक विद्यालय 514, उच्च प्राथमिक विद्यालय 372 तथा 344 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय संचालित हैं। हालाकि शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों के क्षतिग्रस्त व जर्जर विद्यालय भवनों की जानकारी ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से 3 जून 2025 को मांगी थी। इसमें से कुल 79 भवनों को जर्जर घोषित करते हुए 12 जून 2025 को जिला कलक्टर को प्रेषित की थी। लेकिन जिले में हुई बरसात के बाद पुन: किए गए सर्वे में कुल 167 विद्यालय क्षतिग्रस्त व जर्जर की हालात में बताए गए। इनमें कई स्कूलों में दो कक्षा कक्ष तो कही तीन वही कही पर भवनों की दीवारें तो कही छतें क्षतिग्रस्त हैं।
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी गेंदालाल रैगर ने बताया कि मानसून के सक्रिय होने से पहले ही 3 जून को सभी ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को लिखित में निर्देश जारी करते हुए बाढ़ से बचाव समेत जीर्ण-शीर्ण भवनों की बैरिकेटिंग कराने के लिए लिखा था। साथ ही जर्जर भवनों की सूचना भी मंगवाई थी। इसको 12 जून को जिला कलक्टर को भेज दिया गया था।
यहां जिला मुख्यालय के कोटा रोड पर संचालित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भवन बरसों से जर्जर अवस्था में चल रहा है। जानकारों ने बताया कि वर्ष 1915 में बना हुआ कोटा रोड का यह स्कूल कई स्थानों से जर्जर हो चुका है। भवन के मुख्य हॉल को बरसों से बंद किया हुआ है। पूर्व में इसमें इनडोर खेलों को खेला जाता था। वहीं कई दीवारों को ईंट सीमेन्ट के पिल्लर से रोका हुआ है। छतें कई जगह से टपकती हैं। लेकिन इसकी मरम्मत के व्यापक बंदोबस्त अब तक नहीं किए गए। वहीं पंचायत सतिति क्षेत्र के बावनमाता की झोपडिय़ां गांव स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भवनो की छतों की हालत जर्जर है। यह विद्यालय जिला मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर की दूर पर ही स्थित है।
12 जून को भेजी गई जर्जर स्कूलों की सूची में जिले के 79 स्कूल जर्जर अवस्था में मौजूद होने की जानकारी मिली थी। बरसात बाद इनकी संख्या बढक़र 167 हो गई। शिक्षा विभाग के सहायक अभियन्ता कृष्ण गोपाल पाण्डेय ने बताया कि इन स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए करीब 38.35 करोड़ के प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। अब यह प्रस्ताव शनिवार या सोमवार तक भिजवाए जाएंगे।
Updated on:
28 Jul 2025 01:14 pm
Published on:
28 Jul 2025 11:17 am
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