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थर्ड ग्रेड कर्मचारी बन गया अधिकारी, एक दिन में पद संभाला, फिर चार्ज लेकर लाखों का खेला, पाकिस्तान बॉर्डर से MP की सीमा पर हुई थी पोस्टिंग

Big Mistake In Govt Employee Transfer: पावर मिलने के कुछ घंटों बाद ही 9 जनवरी को कर्मचारी ने करीब 17 लाख के टेंडर खोल दिए और 25 लाख की नई टेंडर निविदा जारी कर दी। आनन-फानन में काम होने से ठेकेदार और जिले के सरकारी तंत्र में खासी चर्चा है।

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Third Grade Employee Sheeshpal Became Gazetted Officer: प्रदेश में जारी स्थानान्तरण की उठापठक के बीच यहां महिला अधिकारिता विभाग में एक थर्ड ग्रेड कर्मचारी राजपत्रित अधिकारी बन गया। सरकार की ओर से उसकी नियमानुसार पदोन्नति तो नहीं की गई है, लेकिन जिम्मेदारी जरूर मिल गई। सरकार की ओर से उसे जिला अधिकारी की बड़ी जिम्मेदारी सौंपने के साथ आदेश जारी कर वित्तीय अधिकार भी दे दिए गए। पावर मिलने के कुछ घंटों बाद ही 9 जनवरी को कर्मचारी ने करीब 17 लाख के टेंडर खोल दिए और 25 लाख की नई टेंडर निविदा जारी कर दी। आनन-फानन में काम होने से ठेकेदार और जिले के सरकारी तंत्र में खासी चर्चा है। प्रथम दृष्ट्या इसे एक कर्मचारी की चतुराई, अधिकारियों की सेवा नियमों के प्रति संवेदनहीनता और फिल्मी स्टाइल में अप्रत्यक्ष रूप से चहेतों को लाभ पहुंचाने के तौर पर देखा जा रहा है।

यह है मामला

दरअसल महिला अधिकारिता विभाग (महिला एवं बाल विकास) हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी ब्लॉक में कर्मचारी शीशपाल पर्यवेक्षक (थर्ड ग्रेड) के पद पर कार्यरत था। विभाग ने 22 फरवरी 2024 को आदेश जारी कर उसका स्थानान्तरण बारां जिले के छीपाबड़ौद ब्लॉक में कर दिया।

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यहां पदभार ग्रहण करने के एक माह बाद 22 मार्च 2024 को महिला अधिकारिता के सहायक निदेशक (अतिरिक्त प्रभार) राकेश वर्मा ने उसे विभाग में संरक्षण अधिकारी का अतिरिक्त कार्यभार सौंप दिया तथा जिला कार्यालय में बुला लिया। यहां तक तो फिर भी ठीक था, लेकिन हाल ही में 9 जनवरी को उसे सहायक निदेशक (राजपत्रित) का अतिरिक्त कार्यभार भी सौंप दिया और इसी आदेश में सामान्य वित्तीय एवं लेखा नियम भाग-1 के नियम 2 व 3 (ए)1 के तहत आहरण एवं वितरण की शक्तियां भी दे दी गई। जबकि थर्ड ग्रेड कर्मचारी की ग्रेड-पे 3600 है और सहायक निदेशक का पद 5400 ग्रेड-पे स्तर के अधिकारी का है।

सामान्य, वित्तीय एवं लेखा नियमों के नियम 3 के तहत आहरण वितरण के अधिकार अराजपत्रित को देय नहीं है। इससे अराजपत्रित को ऐसे अधिकार नहीं दिए जाते हैं।

दिनेश गुप्ता, सेवानिवृत्त सहायक कोषाधिकारी, बारां

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वैसे आहरण एवं वितरण का अधिकार अराजपत्रित तृतीय श्रेणी कर्मचारी को नहीं दे सकते हैं। बैंक से लेनदेन संबधी डीडीओ पावर राजपत्रित को ही होता है। व्यवस्थार्थ कार्यभार दे भी दें तो वह केवल दूसरे प्रशासनिक कार्य कर सकता है। कोषालय भी मैपिंग करने के दौरान एचओडी की अनुमति नहीं होने पर उसे आहरण एवं वितरण के लिए अयोग्य कर देगा।

भैरूलाल मेघवाल, जिला कोषाधिकारी (अतिरिक्त प्रभार)

वैसे मेरा मूल पद महिला अधिकारिता में महिला पर्यवेक्षक है। पोस्टिंग छीपाबड़ौद ब्लॉक में है। वर्तमान में जिला कलक्टर ने सहायक निदेशक का चार्ज दिया हुआ है। डीडीओ पावर (आहरण एवं वितरण) के लिए विभाग के एचओडी को प्रस्ताव भेजा हुआ है। महिला थाना समेत जिले के विभिन्न थानों में महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र तथा पन्नाधाय सुरक्षा एवं समान केन्द्र संचालन के टेंडर जारी किए हैं।

शीशपाल चालिया, सहायक निदेशक महिला अधिकारिता (कार्यवाहक)