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रिपोर्ट में विभाग का दावा, सनवाड़ा में लीज नहीं, खनन के ताजा निशान मिले

वन विभाग द्वारा वनभूमि को अतिक्रमण मुक्त करवाने के अभियान के तहत सोमवार को बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए 480 बीघा वन भूमि को मुक्त करवाया गया।

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बारां

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Mukesh Gaur

Jun 03, 2025

वन विभाग द्वारा वनभूमि को अतिक्रमण मुक्त करवाने के अभियान के तहत सोमवार को बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए 480 बीघा वन भूमि को मुक्त करवाया गया।

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कस्बाथाना के समीप सनवाड़ा तलाई में बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध खनन का मामला

बारां. जिले के शाहाबाद तहसील के कस्बाथाना इलाके में लीज ओर अनुमति के बिना सनवाड़ा तलाई में बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध खनन पर प्रशासन ने संज्ञान लेकर जांच के लिए एसआइटी ने कलक्टर को जांच रिपोर्ट सौंप दी है। समिति को दिन में जांच कर सौंपने के लिए निर्देशित किया गया था। एसआईटी ने 29 मई को जांच कर प्रशासन को रिपोर्ट सौंप दी थी।

राजस्थान पत्रिका ने उठाया था मामला

राजस्थान पत्रिका में 27 मई को अवैध खनन लीज है, परमिशन नहीं, जिले के अन्तिम छोर पर हो रही बर्बादी समाचार का प्रकाशन किया था। जिस पर जिला प्रशासन ने 27 मई को ही विशेष जांच टीम का गठन कर मामले की जांच कर दो दिन में इसकी रिपोर्ट कलक्टर को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे।

तब प्रशासन ने गठित की थी 5 जनों की टीम

पांच सदस्यो की गठित टीम की अध्यक्षता शाहाबाद उपखण्ड के एसडीएम मुकेश मीणा तथा सदस्य शाहाबाद पुलिस उपाधीक्षक रिछपाल मीणा, जिला परिवहन अधिकारी कल्पना शर्मा, वन विभाग के रेंजर राजेन्द्र मेघवाल तथा खनन विभाग के सहायक खनि अभियन्ता भंवरलाल लबाना को शामिल किया गया था।

इलाके का अधिकांश हिस्सा वन की जमीन

रिपोर्ट में खनिज विभाग की जानकारी के अनुसार कस्बाथाना क्षेत्र में कोई खनन पट्टा स्वीकृत नहीं है। शाहाबाद तहसील का अधिकांश क्षेत्र वन क्षेत्र की सीमा ्रमें आता है। यह कहना उचित होगा कि शाहाबाद तहसील सहरिया जनजाति बाहुल्य क्षेत्र है। इस क्षेत्र मे प्रधानमंत्री जन मन योजना के तहत लगभग पांच हजार मकान विभिन्न गांव, मजरा छोटे गांव में स्वीकृत हैं। इनके प्रारम्भिक निर्माण में नींव भराई के लिए पत्थरों की आवश्यकता रहती है। इसके साथ ही काश्तकारों द्वारा पशु एंव अन्य जानवरों से सुरक्षा के लिए कच्ची बाउण्ड्री बाल (कोट) बनाई हुई है। जानकारी करने पर बताया कि उक्त सुरक्षा बाउण्ड्री बाल बनाई जाती है। इसके अलावा कस्बाथाना के आस पास क्षेत्र का निरीक्षण किया गया। उन जगहों पर खनन बंद पाया गया है तथा व्यवसायिक रूप से खनन होता नहीं पाया गया। मौके पर थाना अधिकारी कस्बाथाना, खनिज विभाग के फोरमैन, राजस्व विभाग के पटवारी गिरदावर को निर्देशित किया गया कि इस क्षेत्र में अवैध खनन पर निगरानी रखें। वहीं टीम को 29 मई को ही एक ट्रैक्टर मय ट्रॉली खनिज चेजा पत्थर का अवैध निर्गमन करते पाए जाने पर थाना परिसर कस्बाथाना में खड़ा करवाया गया था। खनिज विभाग द्वारा कार्रवाई कर 27 हजार 100 रुपए का जुर्माना का आरोपित किया गया।

एसआईटी ने की मौके पर जाकर जांच

एसआईटी ने 29 मई को मौके पर पहुंचकर मामले की जांच कर रिपोर्ट सोंपी, इसमें बताया गया कि मौके पर क्षेत्र में अवैध खनन बन्द पाया गया। मौका स्थिति अनुसार कही-कही अवैध खनन के ताजा निशान मिले है। इस स्तर की जांच करने पर पाया गया कि वन विभाग की केएमएल के अनुसार वन क्षेत्र की 100 मीटर की परिधि में आता है तथा आस पास वन क्षेत्र है। मौके पर पूछताछ करने पर अवैध खनन कर्ताओ के नाम पते ज्ञात नही हो पाए। यह क्षेत्र पटवार सर्किल कस्बाथाना में है।

शाहाबाद रेन्ज के तीन गांवों में 480 बीघा वनभूमि अतिक्रमण मुक्त कराई

कस्बाथाना/बारां. वन विभाग द्वारा वनभूमि को अतिक्रमण मुक्त करवाने के अभियान के तहत सोमवार को बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए 480 बीघा वन भूमि को मुक्त करवाया गया। उप वन संरक्षक अनिल यादव के नेतृत्व में शाहाबाद क्षेत्र के मटियाखरा, फरेदुआ तथा पाजनटोरी गांवों में कुल करीब 480 बीघा वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया। अभियान के दौरान शाहाबाद, केलवाड़ा और नाहरगढ़ रेंज की संयुक्त टीम मौके पर मौजूद रही। टीम ने संगठित रूप से कार्रवाई को अंजाम दिया। यादव ने बताया कि अभियान के तहत विभाग की कार्रवाई लगातार जारी रहेंगी। जिले में करीब 2.20 लाख हैक्टेयर वन भूमि मौजूद है। इसमें हजारों हैक्टेयर वनभूमि बरसों से अतिक्रमणकारियों की चपेट में है। जिले में इतने बड़े पैमाने पर पहली बार लगातार कार्रवाई होने से अतिक्रमियों में हड$कम्प है। सूत्रों ने बताया कि इस अभियान पर रोक लगवाने के लिए बड़े अतिक्रमी सक्रिय हो गए हैं। इन्होंने जयपुर तक प्रयास शुरु कर दिए हैं। वहीं दूसरी ओर पर्यावरण बचाओ समितियां तथा वृक्ष मित्र समितियां एवं पर्यावरण प्रेमी ऐसी कार्रवाई को लेकर वन विभाग के समर्थन में उतर आए हैं। समितियों के पदाधिकारियों का कहना है कि जैसे ही वन भूमि अतिक्रमण से मुक्त हो वहां तत्काल पौधरोपण करवाया जाए।