
मौसम का बिगड़ता मिजाज कर न दे हालत खराब
बारां. मौसम के बदलते मिजाज ने धनिया उत्पादक किसानों की ङ्क्षचता बढ़ा रखी है। आने वाले दिनों में चलने वाली शीत लहर की आशंका से वे किसान ङ्क्षचतित हैं, जिन्होंने सरसों के साथ ही धनिये की अगेती बुवाई कर दी थी। हालांकि ऐसे किसान कुल धनिया उत्पादक किसानों में दस से पन्द्रह फीसदी ही है। जिले में इस वर्ष 11 हजार 800 हैक्टेयर में ही धनिया की बुवाई है। अगेती बुवाई वाले धनिये में इनदिनों फूल बन रहे हैं और यही वो दौर होता है जब शीतलहर से फसल पर प्रतिकूल असर पडऩे के साथ उसमें डोडियां बनने की प्रक्रिया थम जाती है। हालांकि उद्यान विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान में ऐसी शीत लहर भी नहीं है कि धनिये में पाला पडऩे की संभावना नहीं है, लेकिन मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार धनिये को पाले से बचाने के लिए एहतियात के तौर पर बंदोबस्त रखने चाहिए। इन अधिकारियों का कहना है कि जिले में करीब दस हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में बाद की बुवाई हुई है। इस फसल में अभी फूल बनने का दौर शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में इस दौर की फसल में पाला पडऩे के आसार नहीं हैं।
धनिये की फसल को पाले से ऐसे बचाएं
ड्डइस साल पानी की कमी नहीं है। धनिया उत्पादक किसान खेत के पास ङ्क्षसचाई प्रबंध कर लें, शीत लहर की संभावना होने पर फसल की हल्की ङ्क्षसचाई करें ड्डशीत लहर से धनिये को बचाने के लिए गंधक का छिड़काव भी किया जा सकता है। इससे फसल में शीत लहर का असर नहीं होता।
-खेतों की मेड़ पर रात के समय धुआं करने से भी शीत लहर से बचा जा सकता है ड्डकिसानों को नियमित रूप से खेतों पर पहुंच पौधों की देखभाल करनी चाहिए। इससे उन्हें पौधों को लेकर वास्तविक जानकारी मिल सकेगी ड्डकिसी भी प्रकार के कीटनाशक के छिड़काव व भुरकाव से पहले क्षेत्र के कृषि अधिकारियों से परामर्श आवश्यक रूप से लेना चाहिए।
जैसा कि उद्यान विभाग के उपनिदेशक नंदबिहारी मालव ने बताया...
Published on:
13 Jan 2023 10:23 pm
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