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इस वर्ष शारदीय नवरात्र 25 विशेष धार्मिक और ज्योतिषीय संयोगों के साथ आरंभ होने जा रहा है। सामान्यत: 9 दिनों तक मनाया जाने वाला यह शक्ति पर्व इस बार 10 दिनों तक चलेगा, 22 सितंबर सोमवार से आरंभ हो रहा यह नवरात्र, 2 अक्टूबर गुरुवार को विजयादशमी के साथ संपन्न होगा। इस बार चतुर्थी तिथि 25 और 26 सितंबर को दो दिन तक रहेगी, जिससे एक अतिरिक्त दिन मां दुर्गा की आराधना का अवसर मिलेगा।
पंडितों के मुताबिक जब नवरात्र सोमवार से आरंभ होता है, तो देवी दुर्गा गज हाथी पर सवार होकर आती हैं। गज पर आगमन सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य का प्रतीक होता है। इससे इस बार अच्छी वर्षा और कृषि के लिए शुभ संकेत मिल रहे हैं। 22 सितंबर को दिन में 11.55 बजे के बाद हस्त नक्षत्र प्रारंभ होगा, जो शुभता और मंगल का प्रतीक है। इसके साथ ही शुक्ल योग का भी संयोग बन रहा है, जिससे धार्मिक अनुष्ठानों का फल अत्यंत कल्याणकारी रहेगा।
प्रतिपदा तिथि 22 सितंबर कलश स्थापना व शैलपुत्री पूजन, चतुर्थी, तिथि 25 व 26 सितंबर दो दिन, महाष्टमी 30 सितंबर अष्टमी तिथि, 29 सितंबर की शाम 4.31 बजे से, महानवमी 1 अक्टूब, विजयादशमी/दशहरा: 2 अक्टूबर रहेगा। पितृपक्ष में एक तिथि क्षय हो रही है, इससे अष्टमी व नवमी एक ही दिन में पड़ रही हैं। इसके विपरीत नवरात्र में चतुर्थी तिथि दो बार पड़ने से यह पर्व 10 दिन तक चलेगा। शुभ संयोग 2022 में भी बना था, लेकिन इस बार 54 वर्षों बाद यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
गज पर आगमन: वर्षा, सुख और समृद्धि का सूचक। हस्त नक्षत्र शुभ कार्यों के लिए सर्वोत्तम, शुक्ल योग धार्मिक अनुष्ठानों में वृद्धि, दुहराई गई चतुर्थ तिथि, आराधना का बढ़ा हुआ अवसर।
Published on:
15 Sept 2025 03:53 pm
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