बारां में बिछने लगी चुनावी जाजम, पिछले दो चुनावों के मतदान को देख बना रहे हैं चुनावी रणनीति
बारांPublished: Sep 05, 2018 04:33:22 pm
मुख्यमंत्री की गौरव यात्रा को लेकर दिन-रात तैयारियों में जुटे हैं तो कांग्रेस खेमे में भी अंदरखाने पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए बैठकों के दौर चल पड़े हैं।
बारां. जिले में आगामी विधानसभा चुनाव की जाजम बिछने लगी है। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता आगामी १५ सितम्बर को बारां जिले में पहुंचने वाली मुख्यमंत्री की गौरव यात्रा को लेकर दिन-रात तैयारियों में जुटे हैं तो कांग्रेस खेमे में भी अंदरखाने पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए बैठकों के दौर चल पड़े हैं। कांग्रेस नेता भी जनसम्पर्क यात्रा लेकर गांवों में पहुंच मतदाताओं का मन टटोल रहे हैं। दोनों ही दलों के नेताओं ने उन बूथों पर फोकस करना शुरू कर दिया है, जहां उन्हें २०१३ के विधानसभा चुनाव में कम व अधिक वोट मिले थे। इन दोनों ही दलों के जिला प्रभारियों के साथ जिलाध्यक्ष समेत प्रमुख पदाधिकारियों ने बूथवार मिले मतों का विश्लेषण करना शुरू किया है, लेकिन पांच साल बाद बदले हालात पर भी इनकी पैनी नजर है। इन दलों के नेता २००८ में बूथवार मिले मत को आधार बना जीत पुख्ता करने की जुगत में जुट गए हैं। भाजपा ने वर्ष २०१३ में जिले के सभी चारों विधानसभा क्षेत्रों में जीत का परचम फहराया था, लेकिन २००८ में स्थिति उलट थी और जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस उम्मीदवारों ने जीत का डंका बजाया था। भाजपा नेता जहां जिले में हुए विकास के अलावा प्रधानमंत्री व प्रदेश की मुख्यमंत्री के नाम को फोकस में रख सत्ता में वापसी की उम्मीद पाले हैं तो कांग्रेस के नेता प्रदेश में हर पांच साल में सत्ता बदलने के मिथक के साथ मौजूदा सरकार के खिलाफ लोगों में आक्रोश को भुना सत्ता पर काबिज होने का मंसूबा पाले हुए हैं। मतदाता अभी दोनों ही दलों के उम्मीदवारों को लेकर अटकलें लगाने लगे हैं। चर्चा में लोग कहते भी हैं कि दल के साथ उम्मीदवार की छवि भी अपना काम करती है। युवाओं की सक्रियता को अधिक तवज्जो दी जा रही है। हाल यह है कि भाजपा ने जहां संगठन में कई नए पद सृजित कर कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारियां सौंप दी है। कांग्रेस की चुनावी रणनीति का अभी खुलासा नहीं हुआ है, हालांकि पार्टी नेता पदाधिकारियों के साथ बैठकें कर रहे हैं।