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पालिका के खाते से 44 लाख का फर्जी भुगतान, धोखाधड़ी का मामला दर्ज

नगर पालिका में कार्यरत दो संविदाकर्मियों द्वारा 8 माह पूर्व ईओ के डिजिटल हस्ताक्षर का दुरूपयोग कर लगभग 44 लाख रुपए का फर्जी भुगतान जयपुर निवासी युवक के खाते में किए जाने का मामला सामने आया है।

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पालिका के खाते से 44 लाख का फर्जी भुगतान, धोखाधड़ी का मामला दर्ज

पालिका के खाते से 44 लाख का फर्जी भुगतान, धोखाधड़ी का मामला दर्ज

छबड़ा. नगर पालिका में कार्यरत दो संविदाकर्मियों द्वारा 8 माह पूर्व ईओ के डिजिटल हस्ताक्षर का दुरूपयोग कर लगभग 44 लाख रुपए का फर्जी भुगतान जयपुर निवासी युवक के खाते में किए जाने का मामला सामने आया है। तत्कालीन ईओ ने गुरुवार को छबड़ा पहुंचकर दोनों संविदाकार्मिकों के खिलाफ कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर राशि भुगतान कर धोखाधड़ी किए जाने का मामला दर्ज करवा दिया है।
यह है मामला
सीआई राजेश खटाना के अनुसार तत्कालीन ईओ महेंद्रङ्क्षसह चारण ने दर्ज रिपोर्ट में बताया कि वह 30 जनवरी 2023 से 20 फरवरी 2024 तक छबड़ा पालिका में कार्यरत थे। दो दिन पहले पालिकाध्यक्ष केसी जैन ने उन्हें पालिका के निजी निक्षेप खाते से 43 लाख 79 हजार 500 रूपए के फर्जी भुगतान हो जाने की जानकारी दी। इस पर उन्होंने कैशियर नवलकिशोर के माध्यम से बिल वाउचरों आदि की जांच की तो उन्हें इसकी जानकारी मिली। उन्होने बताया कि संविदा कार्मिक हरिशंकर शर्मा पालिका में भुगतान वेतन संबंधी एवं दीपक सेन जन्म-मृत्यु का कार्य देखता है। पालिका के काम की व्यस्तता के चलते यह दोनों भुगतान आदि में इनकी डीएससी (डिजिटल हस्ताक्षर) का उपयोग करते थे। पालिका में 23 फरवरी 2023 को तैयार पांच फर्जी वाउचरों का भुगतान शातिर कार्मिकों ने 28 जून 2023 को जयपुर निवासी सुनील वर्मा के खाते में कर दिया गया। सुनील वर्मा को पांच वाउचरो के माध्यम से 8 लाख 45 हजार, 9 लाख 23 हजार, 8 लाख 95 हजार 500 रूपए, 7 लाख 93 हजार, 9 लाख 23 हजार रुपए का किया गया। भुगतान उनकी जानकारी में नही आया। पुलिस ने दोनो संविदाकर्मियों के विरूद्ध मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी है।
शातिराना तरीके से किया फर्जीवाड़ा
पालिका के जिस भी कार्मिक ने यह फर्जीवाड़ा किया है। उसने बहुत ही शातिराना तरीके से इसे अंजाम दिया। कार्मिकों के जीपीएफ व ग्रेच्युटी खाते की राशि कार्मिक को भुगतान करने के लिए कार्मिक के दस्तावेज की ही आवश्यकता होती है तो सभी वाउचरो में शातिर कार्मिक ने नंदलाल सहरिया के एक ही दस्तावेज का उपयोग किया। जो कि 15 नवंबर 2022 को तत्कालीन ईओ हेमेंद्र वर्मा द्वारा जारी किया गया था। शातिर कार्मिक ने फर्जी बिल वाउचर 23 फरवरी 2023 को बनाए और सभी का भुगतान 28 जून 2023 को कर डाला।
ऐसे कर दिया खेल
पालिका के ईओ ने बताया कि उक्त राशि पालिका कार्मिकों के जीपीएफ व ग्रेच्युटी के खाते की राशि हैं। जो कि किसी कर्मचारी का वाउचर लगाकर सुनील वर्मा के खाते में ड़ाल दी गई हैं। वही, संविदा कार्मिक हरिशंकर शर्मा व दीपक सेन ने इस फर्जीवाड़े से इनकार किया है। दीपक सेन के अनुसार उन्हें तो पोर्टल चलाना ही नहीं आता।
कैशियर की सतर्कता से खुला मामला
पालिका में कार्यरत कैशियर नवलकिशोर सुमन ने बताया कि पिछले दो साल से स्थापना शाखा का कार्य भूमि शाखा प्रभारी कनिष्ठ लिपिक कैलाशचंद जोशी देख रहे थे। इस शाखा के कोई बिल वाउचर भी उनके पास नही आते थे। दस दिन पूर्व लिपिक जोशी का स्थानांतरण हो गया। वित्तीय वर्ष की समाप्ति के चलते तीन दिन पूर्व उन्होंने स्थापना शाखा के वर्ष 2022-23 व 2023-24 के बिल वाउचरों की जांच प्रारंभ की तो उन्हें कार्मिकों के जीपीएफ व ग्रेच्युटी खाते से एक कार्मिक के नाम 43 लाख 79 हजार 500 रुपए के भुगतान की एंट्री मिली। उनके अनुसार इतना बड़ा भुगतान किसी भी कार्मिक को नहीं दिया जा सकता। सेवानिवृति के बाद ही कोई बड़ा भुगतान मिलता हैं। परंतु उन्होने जयपुर निवासी सुनील वर्मा को भुगतान किए जाने की जांच की तो सामने आया कि इस नाम का कोई कार्मिक यहां कार्यरत ही नहीं है। उन्होंने तत्काल ट्रेजरी जाकर बिल वाउचर निकलवाए तो 2023 के जून माह में उक्त फर्जी भुगतान का मामला सामने आया। उन्होने पालिकाध्यक्ष जैन व ईओ चारण को मामले की जानकारी दी।